Sawan Vrat 2023 : सावन मास में शिवजी पर फूल चढ़ाने की परंपरा बहुत प्रचलित है और यह धार्मिक आदत मान्यता के आधार पर की जाती है। शिवजी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के पुष्प उपयोग में लिए जाते हैं, जैसे की बेल पत्र, जाई, नागकेशर, कमल, केवड़ा, चमेली, पालश, रातराणी, गुलाब आदि।
बिल्व पत्र : धार्मिक आदतों और मान्यताओं के अनुसार, बिल्व पत्र शिवजी के लिए विशेष रूप से प्रिय माने जाते हैं। बिल्व पत्र को श्रावण मास के दौरान शिवलिंग पर चढ़ाने से विवाह और दाम्पत्य जीवन में आने वाली समस्याओं का निवारण हो सकता है।
शमी वृक्ष के फूल और पत्ते : सोमवार और शनिवार को शिवलिंग पर शमी वृक्ष के फूल और पत्ते चढ़ाने का विशेष महत्व मान्यता में है। इसे करने से मन की चंचलता कम होती है और व्यक्ति मोक्ष का अधिकारी बनता है। यह प्राकृतिक आदत और पूजा विधि का हिस्सा है जिसे लोग शिवलिंग की पूजा के साथ अपनाते हैं।
आकड़े का पौधा : आकड़े का पौधा घर के बाहर लगाने को कुछ लोग शुभ मानते हैं और इसे नेगेटिव ऊर्जा से बचाने के लिए किया जाता है। इस आदत का विशेष महत्व व्यक्तिगत धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं पर आधारित होता है। इसमें भगवान शिव के पूजन और रूद्री पाठ के संबंध में कहा जाता है कि इससे सभी रोगों का नाश होता है और स्वास्थ्य के लाभ प्राप्त होते हैं।
अलसी के पुष्पों : अलसी के पुष्पों को श्रावण मास में शिवलिंग पर चढ़ाने का आदान-प्रदान कुछ धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं पर आधारित होता है। यह मान्यता कहती है कि इसके द्वारा शिव के साथ-साथ माता लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है और इससे रोग निवृत्ति और आर्थिक उन्नति हो सकती है।
चमेली का तेल और फूल : चमेली का तेल और फूल हनुमान जी के आदर्श भक्ति में महत्वपूर्ण माना जाता है और यह उनका अत्यंत प्रिय होता है। हनुमान जी भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं और चमेली के फूल का उपयोग उनके पूजन में विशेष रूप से किया जाता है। इसके साथ ही मंगल ग्रह की पूजा में भी चमेली के फूल का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि मंगल ग्रह के स्वामी हनुमान जी माने जाते हैं।
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