Roti ke Totke : हिंदू धर्म में व्रत और त्योहार का महत्व बहुत होता है और इनका पालन करने वाले लोग इनके माध्यम से अपनी आस्था और धार्मिक अनुष्ठान को प्रकट करते हैं। व्रतों और त्योहारों के दौरान आहार की विशेष महत्वपूर्णता होती है, और इसे सावधानीपूर्वक तैयार करने का तरीका धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के अनुसार निर्धारित किया जाता है। हिंदू धर्म में कुछ विशेष स्थितियों या तिथियों में रोटी बनाने की प्रक्रिया को अशुभ माना जाता है और उस समय आपको अन्य भोजन की परंपराओं का पालन करना चाहिए। इन विशेष दिनों पर रोटी नहीं बनाने की हिदायत दी जाती है :
दिवाली के दिन न बनाये रोटियां :
दिवाली प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भारतीय सभ्यता में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह त्योहार आशीर्वाद, धन, संपत्ति और खुशियों का प्रतीक माना जाता है, इस दिन घर में खास तरह के पकवान बनाए जाते हैं, और रोटियां बनाने से बचा जाता है। यह धार्मिक मान्यता के अनुसार होता है कि इस दिन घर में रोटी बनाने से मां लक्ष्मी की आगमन को रोका जा सकता है और घर में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
अमावस्या के दिन न बनाये रोटियां :
कुछ जगहों पर अमावस्या के दिन रोटी बनाने से बचा जाता है, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
शरद पूर्णिमा के दिन न बनाये रोटियां :
शरद पूर्णिमा हिंदू परंपरागत त्योहारों में से एक है और यह पूर्णिमा तिथि के चारों दिशाओं में पूरे चंद्रमा के साथ मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और घर में सुख, समृद्धि, और सम्पन्नता की प्राप्ति की कामना की जाती है। इस दिन घर में खीर और पूरी बनाने का नियम होता है, जो मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए किया जाता है। इसलिए इस दिन घर में रोटी नहीं बनाई जाती है. इससे मां लक्ष्मी रूठ जाती है.
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