Masik Shivratri : शिवरात्रि का व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन शिव भक्त शिव की पूजा और अर्चना करते हैं और शिवलिंग को जल अभिषेक करते हैं। इस व्रत में दिन में एक बार खाने की अनुमति होती है। लेकिन बहुत से शिव भक्त इस दिन निराहार रहते हैं और पूरे दिन शिव के नाम का जप करते हैं। इस व्रत के दौरान लोग अलग-अलग प्रकार के फल, फूल, धातु, लोहे और सोने के उपहार शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। इस दिन की रात्रि को विशेष रूप से जागरण किया जाता है जिसमें शिव भक्त शिव के नाम का जप करते हुए पूजा आदि करते हैं। शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। ऐसे में इस वर्ष कृष्ण पक्ष की चतुर्दर्शी तिथि को मासिक शिवरात्रि उपवास रखा जायेगा.
ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि व्रत का दिन और शुभ मुहूर्त :
ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि का व्रत 17 मई 2023, यानि सोमवार को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शिवरात्रि का पूजा मुहूर्त 17 मई 2023 की रात्रि 10:20 बजे से शुरू होकर 18 मई 2023 की सुबह 06:02 बजे तक रहेगा। इस समय में पूजा करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों के समस्त कष्ट दूर होते हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा की विधि निम्नलिखित है:
पूजा की तैयारी: पूजा के लिए सभी सामग्री जैसे बेलपत्र, मदार पुष्प, गंगाजल, शक्कर, शहद, घी, दही, दूध और नैवेद्य की सामग्री इत्यादि को एक स्थान पर तैयार करें.
शुद्धिकरण: पूजा से पहले नहा लें और शुद्ध हो जाएं. शुद्ध होने के बाद पूजा स्थल को भी शुद्ध करें.
शिवलिंग पर अर्चना: शिवलिंग पर गंगाजल के साथ शुद्ध जल डालें. फिर शिवलिंग पर चंदन, अक्षत, बिल्वपत्र, फूल और दीपक लगाएं.
रुद्राभिषेक: शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करें. इसके लिए शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी और शहद का अभिषेक करें.
पूजा के बाद भोग चढ़ाएं: शिवलिंग को खील और मिश्रण के साथ भोग चढ़ाएं. भोग चढ़ाने के बाद व्रत का भोजन खाएं.
व्रत कथा का श्रवण: पूजा के बाद व्रत कथा का श्रवण करें और व्रत के दौरान शिवलिंग की पूजा के साथ शिवजी का नाम स्मरण रहें .
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