Kitchen Vastu tips : किचन को वास्तु शास्त्र में वास्तुदोष या नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। किचन की सही दिशा और व्यवस्था, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। यदि किचन गलत दिशा में स्थापित है और वहां भोजन बनाया जाता है, तो इसका प्रभाव घर में रहने वाले सदस्यों पर पड़ सकता है। यहां कुछ वास्तु उपाय दिए जाते हैं जो आपको उपयोगी साबित हो सकते हैं:
पानी और चूल्हे को किचन में सही स्थान पर स्थापित करना आवश्यक है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, पानी और चूल्हे के आस-पास रखने से वास्तुदोष उत्पन्न हो सकता है और इससे आपके घर में असामयिकताएं या नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण हो सकता है।
स्नान करने के बाद खाना बनाने को वास्तुदोषों से बचाने का एक अच्छा उपाय माना जाता है। स्नान करने से आप अपने शरीर को शुद्ध करते हैं और उसमें सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इसलिए, जब आप स्नान करके खाना बनाते हैं, तो आप अपने आस-पास के वातावरण को शुद्ध करते हैं और सकारात्मकता को बढ़ाते हैं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार पहली रोटी को गाय को और आखिरी रोटी को कुत्ते को खिलाने से आप भाग्यशाली होते हैं और आपके घर में समृद्धि आती है।
खाना पकाने के बाद किचन को साफ सुथरा रखना आवश्यक है। यह वास्तुशास्त्र में भी मान्यता प्राप्त एक सिद्धांत है। किचन को साफ और व्यवस्थित रखने से अन्नपूर्णा देवी का वास बना रहता है, जो आपके घर में धन, शुभ, और समृद्धि का प्रतीक है। इसलिए, नियमित रूप से किचन को साफ करना और संयमित ढंग से संगठित रखना, आपके घर की ऊर्जा को शुद्ध और सकारात्मक रखने में मदद कर सकता है। साथ ही, साफ और सुथरे किचन में खाना बनाने में भी आसानी होती है और आपको अधिक खुशहाल एवं स्वस्थ्यपूर्ण वातावरण मिलता है।
वास्तुशास्त्र में किचन में डस्टबिन रखना अच्छा नहीं माना जाता है और इसे किचन में रखने की सलाह नहीं दी जाती है। डस्टबिन में संग्रहित कचरा या अपशिष्ट उच्च ऊर्जा का संकेत होता है और इसे घर में स्थान देने से नकारात्मक ऊर्जा बन सकती है।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।