Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी का उत्सव भारत में बहुत ही महत्वपूर्ण है, और यह भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता या विघ्नराजा कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों के जीवन में आने वाले हर प्रकार के विघ्नों को दूर करते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति में मदद करते हैं।
गणेश चतुर्थी का उत्सव विभिन्न भागों में भारत में मनाया जाता है, और यह 10 दिनों के उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भगवान गणेश की मूर्ति को घरों में विराजमान किया जाता है। इस उत्सव के दौरान भगवान गणेश की पूजा, आरती, भजन, और भक्ति के अन्य अद्भुत आयोजन होते हैं। इसके बाद, भगवान गणेश की मूर्ति को भक्तों द्वारा समुद्र में विसर्जन किया जाता है, जिससे उनका उत्सव समाप्त होता है।इस वर्ष 2023 में यह त्यौहार 19 सितंबर के दिन मंगलवार से आरम्भ होगा. 28 सितंबर को इसकी पूर्ति होगी.
निम्नलिखित मेष से लेकर कन्या राशि के लोगों के लिए भगवान गणेश की मूर्ति और भोग के कुछ उपयुक्त चुनौतियां हो सकती हैं:
- मेष राशि : मेष राशि के लोगों के लिए भगवान गणेश की लाल या पीली मूर्ति अच्छी मानी जाती है। उन्हें दूध, मिष्ठान, और मोदक का भोग लगा सकते हैं।
- वृषभ राशि : वृषभ राशि के लोगों के लिए भगवान गणेश की सफेद या हरा रंग की मूर्ति उपयुक्त हो सकती है। उन्हें मैदा, पुरी, और गुड़ का भोग लगा सकते हैं।
- मिथुन राशि : मिथुन राशि के लोगों के लिए भगवान गणेश की हरी या सफेद मूर्ति अच्छी मानी जाती है। उन्हें मिश्री, फल, और पान के पत्ते का भोग लगा सकते हैं।
- कर्क राशि : कर्क राशि के लोगों के लिए भगवान गणेश की सफेद या चांदी की मूर्ति अच्छी होती है। उन्हें दूध, घी, और साबुदाना का भोग लगा सकते हैं।
- सिंह राशि: सिंह राशि के लोगों के लिए भगवान गणेश की पीली या नारंगी मूर्ति अच्छी मानी जाती है। उन्हें केले, पूरी का भोग लगा सकते हैं।
- कन्या राशि : कन्या राशि के लोगों के लिए भगवान गणेश की सफेद या हरा रंग की मूर्ति उपयुक्त हो सकती है। उन्हें फल, और मिश्री का भोग लगा सकते हैं।
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