Chhath Puja 2023 Kharna: छठ पूजा का आज दूसरा दिन है, जिसे खरना ( Kharna 2023) भी कहा जाता है। आपको बता दें कि खरना का अर्थ होता है शुद्धिकरण। इस दिन छठी मैया का प्रसाद तैयार किया जाता हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन साफ सुथरे तरीके से प्रसाद बनाया जाता है। ऐसा करने से व्रती की छठी मैया हर मनोकामना पूर्ण करती है। चार दिनों तक मनाया जाने वाला छठ पूजा के त्योहार का आज दूसरा दिन हैं। इस दिन प्रसाद बनाने की परंपरा होती है, इसके बाद से निर्जल व्रत शुरू हो जाता है। चलिए जानें इसकी पूजन विधि और शुभ मुहूर्त।
छठ पूजा के खरना का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि सुबह 11 बजकर 3 मिनट तक का है। इसके बाद से पंचमी तिथि शुरू होगी, जो सुबह 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगी।
छठ पूजा 2023 सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
द्रिक पंचांग के अनुसार, खरना के दिन 18 अक्टूबर को सुबह 06:46 बजे सूर्योदय होगा और शाम 5 बजकर 28 मिनट पर सूर्यास्त हो जाएगा।
खरना के लिए इस विधि से करें प्रसाद तैयार
कार्तिक मास की पंचमी तिथि के दिन व्रती पूरे दिन व्रत रखकर शाम को प्रसाद ग्रहण करती हैं। इस दिन नए चूल्हे में प्रसाद बनाया जाता है। व्रती लोग दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को चावल, गुड़ और गन्ने के रस से बनी खीर बनाते हैं। इसके बाद केले के पत्ते या फिर मिट्टी के बर्तन में प्रसाद रखकर सूर्यदेव भगवान को अर्पित करते हैं। इसके बाद ही व्रती खुद प्रसाद को ग्रहण करते हैं। इसके बाद घर के बाकी लोगों या सदस्यों को प्रसाद दिया जाता है। इसके अलावा प्रसाद में चावल के पिट्ठा और घी लगी रोटी भी दी जाती है। प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे के लिए व्रती फिर निर्जला व्रत रखती हैं।
खरना पर इन नियमों का रखें खास ध्यान
– खरना के दिन नए चूल्हे का इस्तेमाल करना चाहिए जहां सिर्फ प्रसाद का भोजन बनाया जाता है।
– खरना के दिन सबसे पहले प्रसाद बनाने के बाद सूर्य देव को भोग जरूर लगाएं।
– भोग लगाने के बाद व्रती लोग शांत, एकांत जगह में बैठकर प्रसाद को ग्रहण करती हैं। इसके बाद ही घर के अन्य सदस्यों को प्रसाद खाने को दिया जाता है।
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