Bathroom Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में घर के निर्माण से लेकर आपके जीवन की व्यवस्था को लेकर कई सरे उपाय बताये गए है तथा कुछ नियम निर्धारित किये गए है इसी आधार पर वास्तु के अनुसार बाथरूम से जुड़े कई उपाय बताये गए है जिसके अनुसार अगर आप इन उपायों का पालन करते है तो आपके जीवन में ख़ुशी उल्लास बना रहता है और अगर भूल से आप कोई गलती करती है तो आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है :
गीले कपडे न रखें :
वास्तु शास्त्र में बाथरूम में गीले या गंदे कपड़ों को छोड़ने को दोषपूर्ण माना जाता है। इसका कारण है कि बाथरूम में ये कपड़े नमी को बनाए रख सकते हैं और नमी की मौजूदगी की वजह से वास्तु दोष बढ़ सकता है। इसके अलावा, वास्तु शास्त्र में सूर्य की ऊर्जा को महत्वपूर्ण माना जाता है और सूर्य की प्रभावशीलता के लिए बाथरूम को स्वच्छ और साफ़ रखना आवश्यक है। गीले या गंदे कपड़े बाथरूम में छोड़ने से सूर्य की प्रभावशीलता कम हो सकती है और यह आपके घर की ऊर्जा स्तर पर असर डाल सकता है। इससे आपके घर में ऊर्जा का प्रवाह प्रभावित हो सकता है और आपके धन में हानि का कारण बन सकता है। इसलिए, बाथरूम में नहाने के बाद गीले या गंदे कपड़ों को छोड़ने की बजाय उन्हें साफ़ और स्वच्छ जगह पर सुखा लेना चाहिए। इससे आपके घर का ऊर्जा स्तर बना रहेगा और आपके स्वास्थ्य और धन की कमी नहीं होगी।
बाथरूम का दरवाजा खुला न रखें :
बाथरूम को खुला छोड़ने से संक्रमण का खतरा हो सकता है और वास्तु शास्त्र में इसे नकारात्मक ऊर्जा के रूप में देखा जाता है। यह बाथरूम के ऊर्जा स्तर को प्रभावित कर सकता है और धन की हानि का कारण बन सकता है। बाथरूम गंदगी, नमी का स्थान होता है, जिसके कारण संक्रमण के आसार बन सकते हैं। यदि बाथरूम खुला छोड़ा जाता है, तो स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता हैं। यह आपके परिवार के स्वास्थ्य, मनोभाव और समृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
टूटे बाल बाथरूम से निकालें :
वास्तु शास्त्र में टूटे हुए बालों को नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के रूप में देखा जाता है। इस दृष्टिकोण से इसे अच्छा माना जाता है कि आप बाथरूम को स्वच्छ और साफ रखें और टूटे हुए बालों या अन्य अपशिष्ट को न छोड़ें। यह आपके घर के ऊर्जा स्तर और आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डालने से बच सकता है।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।