Viral News: पाकिस्तान एक बार फिर अपने राष्ट्रीय बजट का बड़ा हिस्सा सेना और हथियारों पर खर्च करने की तैयारी कर रहा है। देश की गठबंधन सरकार ने अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा बजट में 18 फीसदी की बढ़ोतरी की सिफारिश की है, जिससे अब यह आंकड़ा 2.50 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच जाएगा। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है।

पाकिस्तान की हालत खराब

आपको बता दें कि पाकिस्तान में हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। इस समय पाकिस्तान आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। आटा, चावल, दाल और फल-सब्जियों जैसी जीवन जीने के लिए जरूरी चीजों के दाम आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गए हैं। हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान के लोग भूख से मरने की कगार पर हैं। महंगाई आसमान छू रही है। पाकिस्तान दुनिया के गरीब देशों की सूची में शामिल है।

भारत से तनाव के बीच लिया गया फैसला

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बढ़ोतरी भारत से हाल ही में हुए तनाव के चलते की जा रही है। खास तौर पर 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के रिश्तों में फिर से तनाव देखने को मिला है। इसी को आधार बनाकर सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए बजट बढ़ाने का फैसला किया है.

कर्ज में डूबा पाकिस्तान, शिक्षा और स्वास्थ्य का बुरा हाल

अगर आंकड़ों की बात करें तो पाकिस्तान को चालू वित्त वर्ष में सिर्फ कर्ज चुकाने के लिए 9.70 लाख करोड़ रुपये खर्च करने हैं। यानी कुल बजट का करीब 50 फीसदी हिस्सा कर्ज में चला जाएगा। इसके बाद दूसरे नंबर पर रक्षा बजट आता है। लेकिन सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि शिक्षा और स्वास्थ्य, जो किसी भी देश की वास्तविक तरक्की की नींव होते हैं, उन्हें दिया जाने वाला बजट सेना के एक दिन के खर्च से भी कम है।

इस पूरी घटना से साफ पता चलता है कि पाकिस्तान की मौजूदा सरकार विकास से ज्यादा सुरक्षा चिंताओं और भारत के साथ प्रतिद्वंद्विता पर ध्यान दे रही है। जबकि देश की जमीनी हकीकत यह है कि आम नागरिक महंगाई, बेरोजगारी और खराब बुनियादी ढांचे से जूझ रहे हैं।

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Sanjay mehrolliya

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