पटना: जदयू के मंत्री श्रवण कुमार (Shravan Kumar) ने शुक्रवार को मीडिया से महागठबंधन की सीएम उम्मीदवारी और महिला संवाद कार्यक्रम को लेकर खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि चुनावी साल है, लेकिन महिला संवाद कार्यक्रम को चुनाव से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने सीएम चेहरा तय नहीं करने को लेकर भी महागठबंधन पर कटाक्ष किया. वहीं श्रवण कुमार ने आगे बताया कि महागठबंधन स्वार्थ का गठबंधन है. स्वार्थ के लिए राजद वामपंथियों या जो भी उनके स्वार्थ को साधेगा, उसके साथ गठबंधन कर लेगा. अगर तेजस्वी को महागठबंधन के सहयोगी दल मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं मानेंगे तो राजद सहयोगी दलों को साथ नहीं लेगा.
समाधान निकाला जाएगा
महागठबंधन बिखर जाएगा. महागठबंधन टूट भी जाता है. अगर एकजुट भी रहता है तो इससे हमारी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एनडीए में चेहरे को लेकर कोई असमंजस नहीं है. वहीं एनडीए बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा. नीतीश ही मुख्यमंत्री का चेहरा हैं. फिर से सरकार बनेगी और वे मुख्यमंत्री बनेंगे. 225 सीटें जीतने का लक्ष्य है. संवाद कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार सरकार महिलाओं के लिए क्या योजनाएं चला रही है. उन्हें कितना लाभ मिल रहा है, इस पर चर्चा होनी है. वहीं इस कार्यक्रम के तोर पर उनकी समस्याओं को भी समझा जाएगा. उसका समाधान निकाला जाएगा. पंचायत की सरकारी नौकरियों में महिलाओं और लड़कियों को आरक्षण दिया गया.
फैसला नहीं हो सका है
शराबबंदी लागू की गई, दहेज उन्मूलन, बाल विवाह निषेध, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, छात्र पोशाक योजना, जीविका समेत कई अन्य योजनाएं चलाई जा रही हैं. ग्रामीण विकास विभाग जो हमारा मंत्रालय है, महिला संवाद कार्यक्रम चला रहा है. आपको बता दें कि दिल्ली और पटना में दो बैठकों के बाद भी तेजस्वी की सीएम उम्मीदवारी पर फैसला नहीं हो सका है. भले ही उन्हें महागठबंधन की समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. हालांकि यह समिति सीट शेयरिंग से लेकर चुनावी रणनीति, प्रचार-प्रसार तक हर चुनाव संबंधी मुद्दे पर फैसला करेगी, लेकिन सीएम चेहरे पर फैसला नहीं हो पाया है. वहीं इसे लेकर अब जेडीयू और बीजेपी लगातार महागठबंधन पर निशाना साध रही है.
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