लखनऊ: लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीएसपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने कहा, ”14 अप्रैल 2025 को भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर मैं पार्टी की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। उन्होंने भारतीय संविधान में हर स्तर पर जरूरी कानूनी अधिकार दिए हैं।” पूर्व सीएम मायावती ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलते हुए काशीराम ने बाबा साहब के जन्मदिन के शुभ अवसर पर 14 अप्रैल 1984 को बहुजन समाज पार्टी के नाम से औपचारिक रूप से राजनीतिक पार्टी का गठन किया था।
मामलों पर ध्यान दे
बाबा साहब अंबेडकर ने अपने अंतिम दिनों में धर्म परिवर्तन की दीक्षा ली थी, जिसे जातिवादी मानसिकता वाले लोग सनातनी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वक्फ कानून पर बोलते हुए मायावती ने कहा, “वक्फ कानून में गैर-मुस्लिमों को रखने का प्रावधान है, वह भी अनुचित लगता है। जिसका मुस्लिम समुदाय में विरोध है, बेहतर होगा कि केंद्र सरकार वक्फ कानून को स्थगित करके पुनर्विचार करे। बीएसपी की मांग है कि सरकार इन सभी मामलों पर ध्यान दे।
बहुजन विरोधी रहा है
वहीं दूसरी ओर, बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा, “भारत में भारतीयों की सुरक्षा के लिए केंद्र और सभी राज्य सरकारों को अपने राजनीतिक हितों को छोड़कर भारतीय कानून के तहत आतंकवादियों के खिलाफ निष्पक्ष, ईमानदार और सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। इससे पहले मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा था, “दरअसल, बाबा साहब को भारत रत्न से सम्मानित करने से लेकर उनके करोड़ों अनुयायियों तक, कांग्रेस, बीजेपी और एसपी आदि का रवैया हमेशा जातिवादी और बहुजन विरोधी रहा है। इससे मुक्ति दिलाने के लिए ही बीएसपी का गठन किया गया था, लेकिन अब इन वर्गों के वोटों की खातिर छल-कपट की राजनीति की जा रही है।
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