Hyundai Cars: भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का पूरा ध्यान इलेक्ट्रिक कारों पर टिका हुआ है। खुद नितिन गडकरी जी ने कई इलेक्ट्रिक कारों को लॉन्च किया है। इसके साथ ही उन्होंने भारत की पहली हाइड्रोजन कार का भी टेस्ट ड्राइव किया है। उनका पूरा फोकस इको फ्रेंडली कारों पर है। ऐसे में कई कंपनियों ने भी इसमें योगदान देते हुए अपने डीजल कारों को बनाना बंद कर दिया है।
जहां मारुति ने अपनी सभी डीजल कारों को बंद कर दिया है, वहीं टाटा कुछ ही कारों के डीजल वैरीअंट को बाजार में बेच रही है। इन सब कंपनी का फोकस सीएनजी या फिर इलेक्ट्रिक कार पर है। लेकिन दक्षिण कोरिया निर्माता कंपनी ह्युंडई ने टाटा और मारुति को पछाड़ते हुए डीजल कारों को बढ़ावा दिया है।
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हुंडई मोटर इंडिया ने खुलासा किया है कि ग्राहकों ने उनके डीजल कारों पर काफी भरोसा किया है। इकोनामिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कंपनी के सीओओ तरुण गर्ग का कहना है कि 2022 में कुल बिक्री का 26% हिस्सा डीजल कारों का है। BS6 नियम लागू होने के बाद भी डीजल कारों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। कंपनी का कहना है की एसयूवी सेगमेंट में डीजल कारों को काफी पसंद किया जा रहा है। लोग ह्युंडई की डीजल कारों को काफी तादाद में खरीद रहे हैं।
बढ़ी डीजल कारों की बिक्री
कंपनी ने अपने इस बयान में डीजल कारों की बिक्री प्रतिशत का खुलासा भी किया है। आंकड़ों में उन्होंने बताया है कि Hyundai Creta के कुल बिक्री का 54% हिस्सा डीजल मॉडल का है। वहीं Tucson और Hyundai Alcazar जैसे बड़े एसयूवी में 72 से 75% हिस्सेदारी डीजल मॉडल की है।
वही जब बात छोटी एसयूवी हुंडई वेन्यू की आती है तो यह हिस्सेदारी कम होकर 23% की हो जाती है। कंपनी का मानना है कि 10 लाख से ऊपर की कीमत वाली कारों में 45% हिस्सेदारी डीजल मॉडल की है।