Ayurveda Lifestyle: इस बदलते मौसम में आयुर्वेदिक् तरीके से करे अपने शरीर की देखभाल, देखिये शरीर को फिट रखने के आयुर्वेदिक नुस्खे

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Ayurvedic Lifestyle: स्वास्थ्य का न केवल आपकी दिनचर्या से, बल्कि मौसम से भी गहरा संबंध है। इसलिए हमें भी अपनी जीवनशैली, खान-पान और दिनचर्या को मौसम के अनुरूप ढालने की जरूरत है। आयुर्वेद में इन चीजों का विशेष महत्व है। उदाहरण के तौर पर अगर हम इस मौसम यानी सर्दी के मौसम की बात करें तो यह व्रत रखने और वजन कम करने का सबसे अच्छा समय है। इस मौसम में अगर शरीर से गंदे और विषैले पदार्थ बाहर न निकाले जाएं तो खांसी, जुकाम और एलर्जी संबंधी बीमारियां होने का खतरा ज्यादा रहता है।

कुछ प्रमुख नियमों का रखें ध्यान

  • प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठने का प्रयास करें। अगर आप इस समय नहीं उठ सकते तो सूर्योदय से पहले उठने का प्रयास करें।
  • जब आप सुबह उठें तो अपने सभी अंगों के बारे में सोचें। इस बात पर विचार करें कि आपको शरीर के किस हिस्से में समस्या हो रही है। प्रतिबिंबित होना। उठने में जल्दबाजी न करें.
  • शारीरिक गतिविधि इस प्रकार की जानी चाहिए कि शरीर की कुल ऊर्जा क्षमता का आधा उपयोग हो।
  • गरम पानी से कुल्ला नियमित करें। इस मौसम में गर्म पानी का सेवन लाभदायक है।
  • आयुर्वेद के अनुसार भोजन में छह रसों का संतुलन होना चाहिए। ये हैं मधुर (मीठा), लवण (नमकीन), आंवला (खट्टा), कत्थू (कड़वा), तिक्त (तीखा) और कषाय (कसैला)।
  • भोजन के समय ध्यान रखें कि पेट के आधे भाग में ठोस भोजन, एक चौथाई में द्रव और एक चौथाई भाग खाली रहे।
  • अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आपका पाचन भी प्रभावित होता है। दिन में देर तक सोने और रात में काम करने की जीवनशैली शरीर में पित्त दोष को बढ़ाती है। अपना संतुलन बनाए रखने का प्रयास करें.
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