नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालते ही पर्यावरण को लेकर गंभीर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे अधिक जोर प्रदेश की हरीतिमा बढ़ाने पर दिया है। इसी का नतीजा है कि वृक्षारोपण महा अभियान 2023 से पहले ही योगी सरकार दो हजार सत्रह अट्ठारह से लेकर 2022 23 तक यूपी में विभागों की ओर से 82.10 करोड़ पौधे बीते साल तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों पर लगाए गए थे।
बीते 6 साल की बात करें तो दो हजार सत्रह अट्ठारह में 5 दशमलव 72 करोड़ 18 उन्नीस में 11 पॉइंट डबल 7 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए जा चुके है। यही कारण है कि भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार यूपी में रक्तदान क्षेत्र में खास इजाफा हुआ है। जहां 1 वृक्ष दान में कुल 447 वर्ग किलोमीटर 0.1 8% की वृद्धि हुई है। वही वृक्षा दान में अब तक 377 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि रिकॉर्ड की गई प्रदेश के संपूर्ण हरित क्षेत्र में वृद्धि की बात करें तो 9 पॉइंट 2 3% की कुल वृद्धि के साथ ही इसने 794 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हो चुकी है।
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बीते 6 साल से जारी पौधारोपण महाअभियान का ही नतीजा है कि प्रदेश में हरित क्षेत्रफल में ना सिर्फ वृद्धि दर्ज की गई है। बल्कि वृक्षों के समुचित संरक्षण के फल स्वरुप वन विभाग 1 जिलों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। प्रदेश के राष्ट्रीय पशु बाघ की संख्या विगत 5 सालों में 118 से बढ़कर 173 हो गई है। इसी प्रकार हाथियों की संख्या भी 265 से बढ़कर 252 हो गई है। यही नहीं राज्य पक्षी सारस का भी लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। इनकी संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। विगत 5 वर्षों में सारस की संख्या 13670 से बढ़कर 17586 हो गई है।
योगी सरकार प्रदेश में विभिन्न प्रजातियों के पौधों को रोपित करने पर विशेष फोकस कर रही है। जिससे पर्यावरण असंतुलन को खत्म करने के साथ ही समावेशी विकास की अवधारणा को भी बल प्रदान किया जा सके। इसके तहत भगवान शीशम जामुन अर्जुन अंब्रोस साजन अमला ने बांस जल संरक्षण को रोकने पर सबसे ज्यादा बल दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में सबसे अधिक औद्योगिक एवं इमारती वृक्षों को लगाने का कार्य किया जा रहा है इसके अलावा फलदार औषधीय एवं सुगंधित पर्यावरण और 400 भाकर एवं अन्य पौधों को प्रदेश के हर हिस्से में रोपित किया जा रहा है।