नई दिल्ली- मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर उन्हें सड़क पर घुमाने की घटना सामने आई है। शनिवार को महिलाओं ने घटना के विरोध में प्रदर्शन किया इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हुई वहीं महिलाओं के साथ ऐसी है। हैवानियत करने वाले पांच आरोपियों को अरेस्ट किया जा चुका है। घटना को लेकर मिजोरम में रह रहे मैं कई लोगों को राज्य छोड़कर जाने की धमकी दी जा रही है।
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर उन्हें सड़क पर घुमाने की घटना के बाद से वहां हालात और तनावपूर्ण हो गए है। इस घटना को लेकर शनिवार को महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया है। आगजनी की कोशिश की इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हुई फिलहाल हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया इलाके में पुलिस और आर्मी मार्च कर रही है। 1 दिन पहले भी इस घटना के विरोध में लोगों द्वारा सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया गया था। इतना ही नहीं गुस्साई भीड़ ने शुक्रवार को एक आरोपी के घर को भी चला दिया था।
वहीं महिलाओं से दरिंदगी करने वाले एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अब तक 5 लोगों को पकड़ चुकी है। जानकारी के मुताबिक महिलाओं से दरिंदगी का वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था। इसके 24 घंटे के भीतर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी थाउबल जिले के रहने वाले हैं अब पुलिस ने शनिवार को पांचवे आरोपी नोंगपोक सेक्माई अभंगा लिखाई के रहने वाले 19 वर्षीय युवक गिफ्तार कर लिया है।
मणिपुर पुलिस के मुताबिक वायरल वीडियो की मदद से बाकी आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों की सुरक्षा युक्त टीम में 12 और संदिग्धों के गिरफ्तार करने की तलाशी अभियान में जुटी हुई है।
मिजोरम में भी महिलाओं से दरिंदगी की घटना को लेकर भारी आक्रोश इस बीच पूर्व उग्रवादियों के एक संगठन ने कहा है। कि इस घटना से में जो युवाओं में बहुत आक्रोश है। ऐसे में बेहतर होगा कि मणिपुर से आए मेटाइ लोग राज्य छोड़कर चले जाएं।
पीस रिकॉर्ड एमएनएफ एसोसिएशन ने कहा मिजोरम में स्थिति तनावपूर्ण हो गई मणिपुर में उपद्रवियों द्वारा किए गए। बर्बर और कृतियों के चलते मणिपुर के महत्व लोगों का मिजोरम में रहना अब सुरक्षित नहीं है। संगठन ने चेतावनी दी है। कि अगर मैं कई अपील की अनदेखी करते हैं। और अपनी सुरक्षा के लिए जानने में विफल रहते हैं। तो वह किसी भी स्थिति में जिम्मेदार होंगे। संगठन के महासचिव ने कहा कि यह सुरक्षा के लिए एक सामान्य अपील है इसे आदेश से चेतावनी नहीं माना जाना चाहिए।
मणिपुर में 3 मई को हिंसा की शुरुआत हुई थी। तब को कि समुदाय ने पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला और मेहता ही समुदाय के अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की मांग का विरोध किया है। इस हिंसा में अब तक डेढ़ सौ से अधिक लोगों की जान चली गई। 4 मई को इन महिलाओं के साथ भीड़ नया है। हैवानियत कर दी थी। मणिपुर की आबादी में मकई समुदाय की संख्या लगभग 53% है वह ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जबकि कुकी और नागा आदिवासी की संख्या 40% है और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।