Vastu Tips: कभी-कभी वास्तु के अनुसार घर का निर्माण करने के बाद भी आपके जीवन में आर्थिक परेशानी बनी रहती है और घर में सदस्यों के बीच कलह होती रहती है।ऐसे में सफलता के स्थान पर आपको असफलता मिलती है। ऐसे में आपका सुख-चैन खत्म हो जाता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार परेशानियों का आना घर में वास्तुदोष का संकेत है।
पानी की दिशा का रखें खास ख्याल: वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई घर में पीने के पानी की व्यवस्था ईशान (पूर्व-पूर्वाधर) कोण में करनी चाहिए। ईशान कोण पूर्वी दिशा में स्थित होता है और इसे ऊर्जा और शक्ति का केंद्र माना जाता है। इसलिए, पीने के पानी की व्यवस्था को ईशान कोण में करने से रसोई घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि आप रसोई में पानी का नल या जलकूप लगा रहे हैं, तो आप ईशान कोण में ही उसे स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा, आप ईशान कोण में एक जलीय स्थान (जल कुंड, जल तालाब, या जलधारा) भी बना सकते हैं, जहां आप पीने के पानी को संग्रह कर सकते हैं। ईशान कोण में पानी की व्यवस्था करने से आप रसोई घर में सकारात्मक ऊर्जा एवं समृद्धि का संचार बढ़ा सकते हैं।
मुख्य द्वार पर लगाये गणेश जी की प्रतिमा: वास्तु शास्त्र में गणेशजी की प्रतिमा को घर के मुख्य द्वार पर स्थापित करने को शुभ माना जाता है। गणेशजी को विधिवत आराधना करने से भगवान गणेश की कृपा मिलती है और वह अशुभता और वास्तुदोषों को दूर करने में सहायता करते हैं। इसके अलावा, गणेशजी को सम्मान देने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पूजा घर इस दिशा में करें स्थापित : वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजाघर को उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में स्थापित करना शुभ माना जाता है। ईशान कोण वास्तुदोषों से मुक्त होता है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। पूजाघर को ईशान कोण में स्थापित करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि की वृद्धि होती है।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।