यूपी का अजब गांव जिसे कहा जाता है IAS, IPS की फैक्ट्री, यहां है 75 परिवार और 40 अफसर, जानिए इसके बारे में

Avatar photo

By

Timesbull

नई दिल्ली: हमारे देश में कई ऐसे लोग हैं जो आईएएस अधिकारी सपना देखते हैं और आईएएस बनने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं। इसके लिए युवा अपना घर वार तक छोड़ देते हैं। कोचिंग में लाखों रुपये खर्च करके दिन रात पढाई करते हैं। वैसे देखा जाये तो यूपीएससी की परीक्षा ऐसी परीक्षा है जो सबसे कठिन मानी जाती है। अब जो भी इसे पास कर लेता हैं उसके हर जगह चर्चे होते हैं। पर आज हम आपको ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आईएएस बनाने वाली फैक्ट्री कहा जाता है। बता दें कि इस गांव से देश को कई बड़े अधिकारी दिए हैं। चलिए इसके बारे में जानते हैं।

हम जिस गांव की बात कर रहे हैं वो यूपी की राजधानी लखनऊ से करीब 300 किलोमीटर दूर बसे जौनपुर जिले का माधोपट्टी गांव है। लोग इस गांव के बारे में जानकर हैरान हो जाते हैं। लोग इस गांव को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। इस गांव के लोग देशभर में बड़े पदों पर तैनात रहे हैं। पहले ये गांव ग्राम पंचायत हुआ करता था। लेकिन अब ये नगर पंचायत बन चुका है। यूपी में प्रस्तावित निगम चुनाव में यहां चुनाव होंगे।

इस गांव में हैं महज 75 घर

गांव के निवासी राहुल सिंह सोलंकी ने गांव के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस गांव में करीब 75 घर हैं। गांव से 51 लोग बड़े पदों पर तैनात हैं। राहुल ने बताया कि गांव से 40 लोग आईएएस, पीसीएस और पीबीएस अधिकारी हैं। इसके अलावा इस गांव के लोग इसरो, भाभा और विश्व बैंक में भी काम कर रहे हैं।

कैसे शुरू ये सब

माधोपट्टी गांव से पहली बार साल 1952 में डॉ इंदुप्रकाश आईएएस बने। उन्होंने यूपीएससी में दूसरी रैंक हासिल की। डॉ इंदुप्रकाश फ्रांस समेत कई देशों के राजदूत रह चुके हैं। डॉ इंदुप्रकाश के बाद उनके चार भाई आईएएस अधिकारी बने।

साल 1955 में विनय कुमार सिंह ने आईएएस परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल की। वो बिहार के मुख्य सचिव रह चुके हैं।

साल 1964 में छत्रसाल सिंह ने आईएएस परीक्षा पास की। वो तमिलनाडु के मुख्य सचिव रहे हैं।

साल 1964 में ही अजय सिंह भी आईएएस बने।

साल 1968 में शशिकांत सिंह आईएएस अधिकारी बने। ये चारों लोग गांव के पहले आईएएस अधिकारी डॉ इंदुप्रकाश के भाई हैं।

यहां की कई पीढियां बनी अधिकारी

अब इस गांव को आईएएस की फैक्ट्री कहा जाता है। आज भी इस गांव के लोग अधिकारी बनते हैं। डॉ इंदुप्रकाश के चार भाईयों के बाद उनकी दूसरी पीढ़ी भी यूपीएससी परीक्षा पास करने लगी। साल 2002 में डॉ इंदुप्रकाश के बेटे यशस्वी आईएएस बने। उन्हें इस परीक्षा में 31वीं रैंक मिली। वहीं, 1994 में इसी परिवार के अमिताभ सिंह भी आईएएस बने। वो नेपाल के राजदूत रह चुके हैं।

यहां की महिलाएं भी बन रहीं अधिकारी

बता दें कि इस गांव में सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि यहां की बेटियों और बहुओं ने भी नाम बनाया है। गांव से 1980 में आशा सिंह, 1982 में ऊषा सिंह और 1983 में इंदु सिंह अधिकारी बनी। गांव के अमिताभ सिंह की पत्नी सरिता सिंह भी आईपीएस अधिकारी बनी।

गांव के कई लोग बने PCS अधिकारी

इस गांव में आईएएस अधिकारियों के अलावा कई पीसीएस अधिकारी भी बने हैं। यहां के राजमूर्ति सिंह, विद्या प्रकाश सिंह, प्रेमचंद्र सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह, जय सिंह, प्रवीण सिंह, विशाल विक्रम सिंह, विकास विक्रम सिंह, एसपी सिंह, वेद प्रकाश सिंह, नीरज सिंह और रितेश सिंह पीसीएस अधिकारी बने। इसके साथ ही गांव की महिलाएं भी पीसीएस अधिकारी बनी। इसमें पारूल सिंह, रितू सिंह, रोली सिंह और शिवानी सिंह शामिल हैं।

इस गांव के लोग इसरो और भाभा रिसर्च सेंटर में काम कर रहे

इस गांव में जन्मे जय सिंह विश्व बैंक में काम करते हैं। इसके साथ ही इस गांव के कई लोग वैज्ञानिक भी बनें हैं। माधोपट्टी की डॉ नीरू सिंह और लालेंद्र प्रताप सिंह भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक हैं। वहीं, डॉ ज्ञानू मिश्रा इसरो में वैज्ञानिक हैं। इसके अलावा गांव के निवासी देवेंद्र नाथ सिंह गुजरात के सूचना निदेशक रहे हैं।

गांव के राहुल सिंह ने जानकारी दी कि माधोपट्टी में खेत कम है। लोगों का पढ़ाई लिखाई में खास ध्यान रहता है। गांव के बारे में कहावत है, ‘अदब से यहां सचमुच विराजती हैं वीणा वादिनी’। इसका अर्थ है कि विद्या की देवी मां सरस्वती इस गांव में बसती हैं। अगर गांव के किसी बच्चे से उनके भविष्य के बारे में सवाल किया जाए तो उनके मुंह से आपको आईएएस आईपीएस बनने की बात सुनने को मिलेगी। हालांकि अब गांव के कई लोग शिक्षक भी बन रहे हैं।

Note- This article input by author and output AI (Artificial Intelligence) generate so chance data and some content may be changed by ai. If any feedback mail timesbull@gmail.com

Timesbull के बारे में
Avatar photo
Timesbull As a contributing author for TimesBull, I bring a wealth of expertise and passion to every piece I write. With a background in journalism and a keen interest in a diverse array of subjects, I strive to deliver insightful and engaging content that resonates with readers. Whether I'm delving into the intricacies of technology, exploring the latest developments in science, or analyzing current events shaping our world, my goal is to provide readers with thought-provoking perspectives and valuable information. With a commitment to accuracy and clarity, I endeavor to make complex topics accessible to a broad audience, fostering understanding and sparking meaningful conversations. My writing is characterized by meticulous research, balanced analysis, and a dedication to journalistic integrity. I take pride in crafting articles that inform, educate, and inspire readers to delve deeper into the subjects that matter most. Through my work with TimesBull, I aim to contribute to a platform that values quality journalism and fosters a community of curious minds. I am honored to be a part of this esteemed publication and look forward to continuing to share stories that inform, entertain, and enrich the lives of our readers. Read More
For Feedback - timesbull@gmail.com
Share.
Install App