टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली सभी फॉर्मेट में टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कई सीरीज़ में विरोधी टीम के सामने भारत का लोहा मनवाया है। विराट की कप्तानी में ऐसे कई मौक़े आए जब विपक्षी टीम ने भारत के सामने घुटने टेक दिए हों। विराट की कप्तानी में बस एक बात की कमी रह गई कि वह भारतीय टीम को ICC ट्रॉफी जिताने में कामयाब नहीं हो सके। यही कारण था कि उस समय के BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह और मुख्य चयनकर्ता उन्हें कप्तान के पद से हटाना चाहते थे। इसके बाद ख़ुद विराट ने टी20 की कप्तानी से इस्तीफ़ा दे दिया था।
कोहली के साथ हुई नाइंसाफी
कोहली के टी20 कप्तानी छोड़ने के बाद उनके साथ जो कुछ हुआ वह एक चर्चा का विषय है। इस बात में किसी भी तरह का संदेह नहीं है कि विश्व कप 2021 के बाद विराट कोहली ने ख़ुद वर्क लोड मैनेजमेंट का हवाला देकर टी20 की कप्तानी से इस्तीफ़ा दे दिया था, लेकिन वह टेस्ट और वनडे में कप्तान बने रहना चाहते थे।
लेकिन, उस वक़्त भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI का यह कहना था कि अलग-अलग फॉर्मेट के लिए वह अलग कप्तान नहीं बना सकते। इसके बाद विराट कोहली से वनडे की कप्तानी छीन ली गई थी और टेस्ट में कप्तान के पद से हटने का उन्होंने ख़ुद ही फैसला कर लिया था। इसके बाद रोहित शर्मा को तीनों ही प्रारूपों में भारत का फुल टाइम कप्तान नियुक्त कर दिया गया था।
अब यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब विराट कोहली टी20 की कप्तानी छोड़ने के बाद वनडे और टेस्ट में कप्तानी करना चाहते थे, तब BCCI ने स्पलिट कप्तानी से साफ तौर पर इनकार कर दिया था। लेकिन, फिर टी20 विश्व कप 2022 के बाद BCCI हार्दिक पांड्या से टी20 की कप्तानी कैसे करवाने लगी?