Ind Vs Ban: ईशान किशन ने आज भारत की तरफ से खेलते हुए बांग्लादेश के खिलाफ शानदार दोहरा शतक लगाया है। तीसरे और अंतिम वनडे मुकाबले India VS Bangladesh 3rd Oneday में ईशान किशन ने 130 गेंदों में 210 रन बनाए। अपनी पारी में उन्होंने 24 चौके और 10 छक्के लगाए। दोहरा शतक लगाने वाले ईशान किशन दुनिया के सातवें बल्लेबाज बन गए और भारत के चौथे बल्लेबाज बने। दुनिया का सबसे तेज दोहरा शतक लगाने का रिकॉर्ड ईशान किशन ने अपने नाम कर लिया है। आज हम आपको बता रहे हैं ईशान किशन ( Ishan Kishan) के क्रिकेट तक का सफर। ईशान किशन की आज चौतरफा तारीफ हो रही है, पर यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया है। आइए जानते हैं ईशान किशन के संघर्ष की कहानी।
बिहार का लड़का पूरे देश और दुनिया में छा गया
ईशान किशन का जन्म 18 जुलाई 1998 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। ईशान किशन के माता-पिता अभी पटना में ही रहते हैं। ईशान किशन के पिता का नाम प्रवीण कुमार पांडेय है, जो कि पेशे से एक बिल्डर है। ईशान किशन का पैतृक गांव औरंगाबाद के दाउदनगर के लिए गोरडीहा गांव में है। ईशान किशन की दादी का नाम सावित्री सिन्हा जो कि नवादा में एक सिविल सर्जन थी।
स्कूल ने बाहर निकाल दिया, पर नही मानी थीं हार
ईशान किशन Ishan Kishan को बचपन से ही क्रिकेट में रुचि थी। 7 साल की उम्र में ईशान किशन ने मैदान में कदम रख दिया था। ईशान किशन के भाई राजकिशन ने जिंदगी के हर मोड़ पर उनकी काफी मदद की। ईशान किशन के यहां तक पहुंचने में राजकिशन ने अहम भूमिका निभाई। हालांकि ईशान किशन की मां नहीं चाहती थी कि ईशान किशन क्रिकेट खेले क्योंकि उन्हें लगता था क्रिकेट की वजह से ईशान किशन पढ़ाई से दूर हो रहे हैं। ईशान किशन जब बचपन में क्रिकेट खेलने जाया करते थे तब उन्हें कई बार अपने स्कूल से छुट्टी लेना पड़ता था। ऐसे में उनकी मां हमेशा चिंतित रहती थी कि उसकी पढ़ाई का क्या होगा। एक बार तो ईशान किशन को अच्छे से पढ़ाई ना करने के चलते ही स्कूल से निकाल दिया गया था,पर तब शायद किसी ने सोचा भी ना होगा कि एक दिन ईशान किशन दुनिया में भारत का नाम रोशन करेंगे और इतिहास रच देंगे। जब पूरा देश और पूरा विश्व ईशान किशन के तारीफों के कसीदे पढ़ रहा होगा, आज वही दिन है।
पिता,भाई और कोच का मिला साथ
भले ही ईशान किशन की मां ने ईशान किशन को क्रिकेट खेलने पर डांट लगाई हो पर उनके भाई राजकिशन और पिता प्रणव पांडे ने उनका हमेशा उत्साहवर्धन किया, साथ में ईशान किशन के कोच संतोष कुमार ने ईशान किशन को बेहतरीन क्रिकेटर बनाने के लिए जी जान लगा दिया। वह ईशान किशन के कोच संतोष कुमार ही थे, जिन्होंने ईशान से कहा कि तुमको अगर और आगे बढ़ना है तो अपने शहर को छोड़कर बाहर जाओ और उच्च स्तर की क्रिकेट खेलो। ईशान के कोच संतोष कुमार ईशान के भीतर के टैलेंट को पहचान चुके थे हालांकि ईशान की मां ईशान को बाहर भेजने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी, पर उनको अपने बेटे की जिद के आगे झुकना पड़ा और ईशान ने उच्च स्तरीय क्रिकेट खेलने के लिए अपना शहर छोड़ दिया।
धोनी और गिलक्रिस्ट को मानते है अपना आदर्श
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई के बीच पंजीकरण के मुद्दों के कारण ईशान किशन Ishan Kishan को बिहार टीम से खेलने का मौका नहीं मिल पाया, जिसके बाद उन्होंने अपने कोच की सलाह से झारखंड के लिए खेलना शुरू किया और बेहतरीन प्रदर्शन किया। ईशान किशन भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ( MS Dhoni ) और ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट को अपना आदर्श मानते हैं, वे इन्हीं दोनों खिलाड़ी के नक्शे कदम पर चलने की कोशिश करते हैं।
दशकों तक याद रखी जाएगी ईशान किशन की पारी
आज दोहरा शतक जमाने वाले ईशान किशन Ishan Kishan ने मार्च 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे मुकाबले में अपना डेब्यू किया था। ईशान किशन अंडर-19 क्रिकेट में भारत की कप्तानी कर चुके हैं, साथ ही झारखंड के लिए घरेलू क्रिकेट भी खेल चुके है। साल 2022 में ईशान किशन IPL के सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ी बने थे। आज ईशान किशन ने जो पारी खेली है, वह आने वाले दशकों तक याद रखी जाएगी। ईशान किशन ने एक ऐसा रिकॉर्ड बना लिया है जो कई बल्लेबाजों के लिए सपना का सपना रह जाता है। ईशान किशन ने संघर्ष से हार नहीं मानी और लड़ते रहे और उसी का फल आज उनको मिला है, जब पूरी दुनिया ईशान किशन की तारीफ कर रही है। कई युवा ईशान किशन को अपना आदर्श मान चुके हैं। ईशान किशन ने जिस तरह से पारी खेली उन्होंने दिखा दिया कि अगर कोशिश की जाए तो हर चीज हासिल की जा सकती है।