नई दिल्ली: महज़ चंद दिनों में विश्व कप का आगाज़ होने जा रहा है, जिसके लिए पाकिस्तान की टीम भारत पहुंच चुकी है। विश्व कप से पहले पाकिस्तानी टीम अभ्यास मैचों में हिस्सा ले रही है। लेकिन इन सबके बीच पाकिस्तान के एक तेज़ गेंदबाज़ से जुड़ी हुई एक ऐसी कहानी सामने आई है जिसने हर किसी को भावुक कर दिया है। पाकिस्तान के इस तेज़ गेंदबाज़ ने कठोर संघर्ष के ज़रिए सफलता की इबारत को लिखा है।
झकझोर देगी कहानी
दरअसल, वह खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान की टीम के स्टार तेज़ गेंदबाज़ हारिस रऊफ हैं। हारिस रउफ मौजूदा वक़्त में पाकिस्तानी टीम के मुख्य तेज़ गेंदबाज़ों में से एक हैं और विश्व क्रिकेट में उनका बोलबाला है। साल 2020 में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाले हारिस रऊफ ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से बातचीत करने के दौरान अपने शुरूआती दिनों के किस्से को साझा किया है, जिसे जानने के बाद हर कोई दंग रह गया। उन्होंने बताया कि उनके पास उनकी स्कूल फीस तक भरने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे, जिसके लिए उन्हें स्नैक्स बेचने पड़ते थे।
पाकिस्तानी टीम के तेज़ गेंदबाज़ हारिस रऊफ ने बताया कि अपनी स्कूल फीस भरने के लिए वह रविवार के दिन मार्केट में स्नैक्स बेचा करते थे और बाक़ी दिन वह स्कूल और एकेडमी जाते थे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जब उन्होंने यूनिवर्सिटी में अपना एडमिशन करवाया तब उनके पिता के पास उतने पैसे नहीं थे जिससे वह उनकी फीस भर सकें और हारिस भी इन खर्चों को नहीं झेल पा रहे थे। इसके बाद उन्होंने टेप बॉल क्रिकेट खेलने का फैसला किया, जिसकी वजह से वह अपनी फीस भर पाए।
हारिस रऊफ ने इस बात की भी जानकारी दी कि पाकिस्तान में पेशेवर रूप से टेप बॉल क्रिकेट खेलने वाला शख्स महीने के 2 से 2.5 लाख रुपए कमा लेता है। उन्होंने बताया कि उनकी कमाई भी इसी के आसपास हो जाती थी और वह अपनी कमाई अपनी मां को दे देते थे। साथ ही साथ, उन्होंने कहा कि इतनी कमाई के बारे में उन्होंने अपने पिता को कभी नहीं नहीं बताया। बहरहाल, हारिस रऊफ का नाम आज पूरी दुनिया जानती है और विश्व क्रिकेट में उनका सिक्का चलता है।