नई दिल्ली– विशेष सत्र को लेकर पूरे देश की नजरे दिल्ली पर लगी हुई है। विशेष सत्र पर टिकी हुई है कि आखिरकार कौन सी ऐसी चीज हैं। जो यहां से निकलकर सामने आ रही है। कल महिला आरक्षण बिल को पास कर दिया गया। जिस समय यह पास किया गया। उससे पहले वोटिंग हुई वोटिंग के दौरान नई संसद में पुरानी तकनीकी से वोटिंग चर्चा में बन गई। आखिरकार यह सब क्यों हुआ इसके पीछे की क्या वजह है आइए नीचे खबर में हम आपको बताते हैं।
नई संसद में पुरानी तकनीकी के हिसाब से मतदान हुआ यानी की समझ सकते हैं। की पर्चियां के माध्यम से चुनाव हुआ होगा जैसे पुराने जमाने में हुआ करता था। सदन में मौजूद सभी सदस्यों के हाथों में पर्चियां दी गई। इसके पीछे की वजह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया उन्होंने कहा यह संविधान संशोधन है। तो इसके लिए मतदान करना ही होगा हालांकि इस नए सदन में डिवीजन नंबर नहीं दिए गए आखिरकार क्या वजह है। की पुरानी तकनीकी के साथ यहां पर मतदान हुआ।
पुरानी तकनीकी से जब पर्चियां बांटना शुरू किया गया तो सांसदों ने बहुत ही गर्व के साथ उन पर्चियां के हाथों में पकड़ा और कहा कि संविधान में ये पर्चियां बहुत महत्व होती है। और यही हमारे जीवन को बदलता है। और यही पर्चियां ने आज हमें यहां लाकर खड़ा किया है। क्योंकि पहले के जमाने में क्या होता था। कि हाथों से पर्चियां बना कर दी जाती थी। और उसके बाद मतदान होता था वह चाहे लोकसभा का चुनाव हो, वह चाहे विधानसभा का चुनाव हो वह चाहे पंचायत स्तर का चुनाव हो कोई भी चुनाव हो ऑल ओवर सब में पर्चियां हाथ में लेकर ही मतदान होता था। जब से ईवीएम मशीन का प्रयोग होने लगा तब से चीज बदल गई लेकिन नई संसद भवन में पुरानी तकनीकी के साथ में वोटिंग हुई इसकी चर्चा जमकर हो रही है।
कल महिला आरक्षण बिल को पास करने के लिए मतदान हुआ जिसमें दो तिहाई बहुमत से इस बिल को पास कर दिया गया। इस दौरान बिल के पक्ष में 554 मत पड़े थे। वही विरोध में बस दो मत पड़े नई संसद में पुरानी तकनीकी से वोटिंग कराई गई। इसके लिए संसद में मौजूद सभी सदस्यों को हाथों में पर्चियां दी गई थी। इसके पीछे की वजह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया उन्होंने डिटेलिंग करते हुए कहा कि यह संविधान संशोधन है। इसके लिए मतदान करना बहुत जरूरी होगा। इसलिए इस मतदान को कराया गया।