नई दिल्ली- बहुजन समाज पार्टी के अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को राजस्थान और मध्य प्रदेश समय चारों राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव और अगला लोकसभा चुनाव अकेले बलबूते लड़ने का ऐलान कर दिया है। मायावती ने तस्वीर साफ करते हुए कहा कि फिलहाल के लिए उनकी पार्टी बसपा ना तो एनडीए और ना इंडिया गठबंधन के साथ जाएगी।
प्रदेश की चार बार कम रह चुकी मायावती ने साफ कह दिया है। कि बसपा के लिए गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। इसलिए फेक न्यूज़ न फैले जाए मायावती ने इस बयान के पीछे की गणित क्या है इसे आप आगे खबर में समझिए।
पिछले कुछ दिनों के पुराने पन्ने पलटे तो बसपा द्वारा पार्टी के नेताओं को कहा गया था। कि वह मेहनत के साथ चार राज्यों के होने वाले चुनाव लड़े और विधानसभा चुनाव में जैसे तैसे नतीजे होंगे। उस हिसाब से बसपा सत्ता में शामिल होगी कि नहीं यह फैसला लिया जाएगा सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है। कि मायावती के गठबंधन में न जाने की पूरी कहानी का इस वाक्य में छिपी हुई है।
दरअसल चार राज्यों राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने इन सभी राज्यों में बसपा अपने कैडर के सहारे जहां कांग्रेस से चुनाव लड़ रही है। वहीं भाजपा भी उनके लिए एक चुनौती ऐसे में बसपा कभी नहीं चाहेगी। कि उसकी कदर या वोटर किसी भी तरीके से अभी से कंफ्यूज हो बसपा इंडिया गठबंधन या फिर एनडीए गठबंधन के साथ है।
वहीं यूपी में इंडिया गठबंधन को अभी अखिलेश यादव लीड कर रहे हैं। जो कई बार बसपा को भाजपा के साथ मिले होने की बात कह चुके फिलहाल चार राज्य जिसमें खास तौर से राजस्थान मध्य प्रदेश के चुनावी नतीजे स्पष्ट बता देंगे। कि बसपा को किसी गठबंधन के साथ जाना चाहिए या बसपा का कदर अकेले ही काफी है।
मालूम हो की 2019 में बसपा के 10 लोकसभा सांसद जीत कर आए थे ऐसे में बसपा के सामने अपने आधार वोट और सीटों को बचाने की चुनौती फिर भी बनी रहेगी।