नई दिल्ली। हमारे शरीर का निर्माण बहुत सारे जीन से मिलकर होता है। हम अपने जीन के हिसाब से अलग-अलग तरह से व्यवहार करते हैं। खानपान, परिवेश, व्यवहार का नियंत्रण हम खुद कर सकते हैं। इसके अलावा ऐसे बहुत सी चीजें होते हैं, जो की बहुत ही कॉमन है मतलब जनवरी या पौष के रात और दिन जब लोगों को बहुत ठंड लगती है। चाहे आप कुछ भी कर ले आपको दिसंबर के अंत तक ठंड लगने शुरू हो जाती है।
उत्तर भारत में शीतलहर चल रही है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बिल्कुल भी ठंड नहीं लगती है। उन्हें ठंड का एहसास नहीं होता है, ऐसे में कैसे हो सकता है। यह जानने के लिए डॉ ऋषि गौतम जोकि जीडब्ल्यू स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड हेल्थ साइंसेज में साइकोथैरेपिस्ट के असिस्टेंट प्रोफेसर है, इसके साथ ही वे जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन बाल्टीमोरा इंस्ट्रक्टर पीडियाट्रिक्स भी है, आइए जानते हैं कि ठंडी क्यों लगती है।
डॉक्टर ने यह कहा है कि हमारे तंत्रिका तंत्र में मौजूद गर्म एवं ठंड रिसेप्टर्स के माध्यम से तापमान को महसूस किया जाता है। शरीर में मांसपेशियों के प्रकार के फाइबर समग्र शारीरिक स्वास्थ्य एवं कंडीशनिंग ही यह तय करते हैं कि एक व्यक्ति को कितना ठंड लगता है। कभी किसी को बहुत ज्यादा ठंड लगता है, तो कभी किसी को ठंड नहीं लगता है।
मेनोपॉज, हाइपो, थायराइड या पीरियड के आसपास वाले समय में बदलाव के चलते ठंड महसूस हो सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि इस स्थिति में लो ब्लड प्रेशर को भी ठंड से जोड़ा जाता है, जबकि इसके विपरीत स्थिति को ठंड महसूस करने के लिए भी ठंड के दिनों में ज्यादा ठंड महसूस नहीं हो रही है, तो इसके लिए आप एक बार थायराइड का चेकअप जरूर करवाएं। थायराइड लक्षण में भी लोगों को ठंड नहीं लगता है।