नई दिल्लीः देशभर में घूसखोरी पर लगाम कसने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों के अलावा प्रशासनिक तंत्र भी बड़े कदम उठा रहा है, लेकिन यह काफी नहीं है। एक नहीं कई उदाहरण ऐसे मिल जाएंगे कि लोग घूस खोरी के आरोप में जेल की सजा काट रहे हैं, जिन्हें दोषी करार भी दिया जा चुका है।
आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें केवल 200 रुपये की घूस ने जिंदगी को तबाह कर दिया। इससे ना केवल मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी, बल्कि करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान भी हुआ। दरअसल, यह मामला मुंबई का है, जो एक इंजीनियर से जुड़े हुआ है। यहां एक इंजीनियर को एंटी करप्शन टीम ने 200 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था, जिसके बाद फिर जो हुआ सबको हैरान कर गया। अब इंजीनियर को को अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया गया है।
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इतने साल बाद मिला न्याय
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 200 रुपये की घूस से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें 25 साल बाद इंजीनियर को न्याय मिला। हाई कोर्ट ने सबूतों नहीं के चलते आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है। इंजिनियर को न्याय तो मिला लेकिन 25 गुजर गए, जो अफसोस चेहरे पर साफ झलक रहा है। वैसे अभी उसकी 18 साल की नौकरी भी बाकी है। उसे बड़ा आर्थिक नुकसान भी हुआ।
कोर्ट ने सुनाई थी इतने साल की सजा
मुंबई में जूनियर इंजीनियर शेल्के को सितंबर 1998 में 200 रुपये घूस लेने के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो ने रंगे हाथ पकडा था। इसके बाद यह एक बड़ा मामला बना गया। घूस के आरोप में 2002 में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी शेल्के को दोषी करार दिया था, जिसके लिए 2 साल की सजा भी सुनाई गई थी।
निचली अदालत को चुनौती देते हुए इंजीनियर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस दौरान इंजीनियर को बिजली विभाग से नौकरी से भी छुट्टी कर दी गई थी। इस मामले को लेकर पत्नी और बच्चों का भी साथ नहीं मिला लेकिन वो डटे रहे। आखिर फैसला हुआ कि कोर्ट ने सबूतों के अभाव में 25 साल बाद इंजीनियर को दोषमुक्त कर दिया।
जानकारी के लिए बता दें कि एक मामले में इंजीनियर ने कोई घूस मांगी थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घूस लेने के मामले में बरी हो चुके शेल्के ने अब अपने नुकसान की भरपाई करवाने का मन बना लिया।