नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश के घोसी उपचुनाव की गाड़ी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे सियासी माहौल भी गर्म रहा है। घोसी उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच अब प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। घोसी उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई। एक तरह सपा जहां पूरी ताकत से मैदान में है। तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी जीत का दावा कर रही बता दे की एक तरह सपा जहां एक बार फिर इस सीट पर अपना कब्जा चाहती है।तो वहीं भाजपा को जीत कर 2024 से पहले एक बड़ा संदेश देना चाहती है।
इन सबके बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव खुद घोसी में पार्टी के प्रचार की कमान अपने हाथ में थामने जा रहे है।
बता दे कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 29 सितंबर यानी मंगलवार को घोड़ी के उपचुनाव में प्रचार के लिए उतरने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव की मतदान से एक हफ्ते पहले यहां चुनावी जनसभाएं कर साइकिल के पक्ष में माहौल बनाएंगे वहीं सपा ने सभी बड़े नेताओं को दो से तीन दिन यहां रहकर चुनावी जनसभाएं करने के निर्देश दिए है। बता दे की घोषित विधानसभा सीट पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई है। घोसी सीट 2022 के हुए विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट से विजई रहे दारा सिंह चौहान के पिछले महीने में शामिल होने और सदस्यता से त्यागपत्र देने की वजह से खाली हुई है।
घोसी विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान 5 सितंबर का होगा। जबकि वोटो की गिनती 8 सितंबर को की जाएगी। इस उप चुनाव के लिए चुनाव प्रचार भी तेज है। स चुनाव में सपा को कांग्रेस बामदल और अपना दल का समर्थन दिया गया है।
एक तरफ समाजवादी पार्टी जीत का दावा कर रही है कि पिछड़ा वर्ग जितना भी है। वह हमारे साथ है तो समाजवादी पार्टी के नेता भी इस चीज को लेकर दावा करते नजर आ रहा है। कि इस बार घोड़ी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी जीता या तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के तारा सिंह भी लगातार जीत का दावा कर रहे हैं। देखने वाली बात होगी कि किस तरीके से चुनाव का समीकरण बनता है। और कौन यहां से विजई होता ही आने वाला समय बताएगा।