TTP पुराने कार्ड नया खेेल- पाकिस्तान में 9-10 मई को फ़ौजी ठिकानों और हवाई अड्डों पर हमला करवाकर दुनियाभर के निशाने पर आए इमरान खान ने अब एक नया कार्ड खेला है। इमरान खान ने TTP के अपने पुराने गुर्गों को हवा देकर एक नई लिस्ट जारी करवाई है। यह वही TTP है जिसके सहूलतकार इमरान खान किसी ज़माने में हुआ करते थे। यह बात पाकिस्तान के सरकारी रिकॉर्ड में भी है। पाकिस्तान में इमरान खान को, ‘तालिबान खान’ भी इसीलिए कहा जाता है। अपनी सरकार के दौरान भी इमरान खान ने टीटीपी के साथ हमेशा नरमी बरती।
ये बात अलग है कि टीटीपी ने पाकिस्तानी पार्लियामेंट पर तालिबानी झण्डा फहराने की ज़िद नहीं छोड़ी। इमरान खान जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने टीटीपी के जेलों में बंद आतंकियों के छोड़ने और उनके साथ मुजाकरात यानी बातचीत शुरू करने की पेशरफ्त भी की थी। जिसका विरोध पीटीआई को छोड़कर पाकिस्तान की लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने किया था।
पाकिस्तान में टीटीपी को किस-किसने पाला – पढ़ें यहां
पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि पाकिस्तान का प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक–ए–तालिबान पाकिस्तान (TTP) एक नई हिट लिस्ट के तहत वहां की सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने की योजना बना रहा है। इन नेताओं में PML-N की उपाध्यक्ष व पूर्व PM नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज और आंतरिक मामलों के मंत्री राणा सनाउल्लाह शामिल हैं। मरियम नवाज ने कहा था कि इमरान खान पेशावर में आर्मी स्कूल पर हमला कर मासूमों की जान लेने वाले दहशतगर्दो से समझौता कर रहे हैं।
इमरान खान को खाए जा रहा है किस बात का खौफ
पाकिस्तानी अखबारों के मुताबिक, प्रतिबंधित तहरीक–ए–तालिबान पाकिस्तान (TTP) और उसके सहयोगी जमात–उल–अहरार (JuA) द्वारा तैयार की गई नई सूची में कई अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं, और दक्षिणपंथी राजनीतिक पार्टी जमात–ए–इस्लामी प्रमुख सिराजुल हक भी निशाने पर हैं। सिराजुल हक 19 मई को बलूचिस्तान प्रांत के एक दूरदराज के इलाके में एक आत्मघाती बम विस्फोट में बाल–बाल बचे थे।इसी साल जनवरी के महीने में पेशावर में एक मस्जिद में बड़ा आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें सैकड़ों लोगों की जानें गई थीं, मरने वालों में ज्यादातर पुलिसकर्मी थे।
सिराजुल हक पर हमला करवाना और नई हिटलिस्ट जारी करवाना पाकिस्तान में इस वक्त शह और मात के खेल की तरह से देखा जा रहा है। पाकिस्तान की आर्मी, आईएसआई और सरकार सभी जानते हैं कि टीटीपी के संंबंध इमरान खान से बहुत अच्छे हैं। सरकार और फौज को अस्थिर रखने के लिए टीटीपी का इस्तेमाल इमरान खान कर रहे हैं। टीटीपी को कुछ दिन शांत करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां इमरान को संपर्क करें और इमरान उन एजेंसियों के मार्फत अपने ऊपर आए सरकारी दबाव को कम करवाएं।