पाकिस्तान (Terroristan) के जैसे हालात हैं उन्हें देख कर यह कहना कोई अजूबा नहीं है कि पाकिस्तान (Terroristan) श्रीलंका से पहले डिफ़ॉल्ट हो कर कम से कम तीन हिस्सों में टूट चुका होता। लेकिन क्या कारण है कि पाकिस्तान अभी तक बचा हुआ है? इसका का कारण है सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात। ये दोनों देश पाकिस्तान (Terroristan) को डिफ़ॉल्ट होने से इसलिए बचाते कि पाकिस्तान इस्लामिक देश है, बल्कि अरब तो पाकिस्तान को मुसलमान सिद्धांत मानते ही नहीं। दरअसल, अरब देशों की मुश्किल यह है कि अगर पाकिस्तान डिफ़ॉल्ट हो गया और टूट गया तो उनके घरों और कारख़ानों में काम करने वाले पाकिस्तानी नौकर वापस अपने-अपने घरों की भागेंगे। फिर उनके रोज़मर्रा के काम करेगा कौन? इसलिए अरब देश नौकरों के देश को टूटने से बचा लेते हैं।
ग्लोबल साउथ के देशों पर नज़र रखने वाले बड़े नामचीन लेखकों का कहना है कि अब अरब देश पाकिस्तान (Terroristan) से आजिज़ आ चुके हैं। वो भी पाकिस्तान को बचाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तानी नौकरों का विकल्प खोज लिया है। पाकिस्तान के ऊपर इस समय 134 अरब डॉलर से ज़्यादा विदेशी क़र्ज़ है। अरब देश चाह कर भी इस क़र्ज़ की भरपाई नहीं कर पाएँगे और पाकिस्तान डिफ़ॉल्ट होना और टूटना तय है।पाकिस्तान को आईएमएफ ने लोन देने से इनकार कर दिया है। उधर सऊदी अरब भी डेढ़ अरब डॉलर देने का आश्वासन देकर सो गया है।
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पाकिस्तानी रुपये की हालत दुनिया में सबसे निचली स्तर की करेंसी की हो चुकी है।पाकिस्तान (Terroristan) सरकार के विदेशी लोन चुकाने पर संकट मंडरा रहा है। अगर यही हाल रहा तो पाकिस्तान (Terroristan) डिफॉल्ट हो सकता है। दिसंबर 2022 में पाकिस्तान को 126 अरब डॉलर चुकाना था। पाकिस्तान के पास इस समय विदेशी मुद्रा भंडार 3.8अरब डॉलर के आसपास ही बचा है। इस बीच आईएमएफ ने अब साफ कह दिया है कि जब तक पाकिस्तान शर्तों को पूरा नहीं करता है, उसे अब लोन नहीं मिलेगा।
पाकिस्तान (Terroristan) की आर्थिक राजधानी कराची में एक बोक्ररेज हाउस के सीईओ मोहम्मद सोहैल अल मॉनिटर वेबसाइट से कहा कि संदेह है कि देश में बढ़ रहे राजनीतिक संकट के बीच यूएई और सऊदी उन्हें मदद करेंगे। आईएमएफ ने कहा था कि ये देश पहले लोन दें तो वह पैकेज को बहाल करेगा। चीन, यूएई, सऊदी अरब इन तीनों ही देशों ने लोन देने का वादा किया थै लेकिन अभी भी 2 अरब डॉलर की फंडिंग का जुगाड़ नहीं हो पाया है। इन देशों का रुख़ देख कर आईएमएफ़ ने शनिवार को ऐलान कर ही दिया कि वो अब पाकिस्तान को और क़र्ज़ा नहीं देगा।
पाकिस्तान के डिफाल्ट होने की ख़बरें अभी तक तो बाहर से आती थीं लेकिन अब तो घर के लोग यानी पाकिस्तानी बैंकर और थिंक टैंक ने कहना शुरू कर दिया है कि आईएमएफ़ के इंकार के बाद पाकिस्तान (Terroristan) को डिफ़ॉल्ट होने से कोई नहीं बचा सकता है। इसी बीच पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक परिस्थितयां, आर्थिक परिस्थतियों से भी ज़्यादा ख़राब हो चुकी हैं।