Solar Panel: सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं जारी की जाती हैं, जिनके जरिए आप कम लागत में सोलर पैनल लगवा सकते हैं। आज के समय में सोलर पैनल का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ रहा है। सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने का कार्य सौर पैनलों के माध्यम से किया जाता है.
सौर संयंत्रों में स्थापित सौर पैनलों के माध्यम से रोजगार, कृषि आदि क्षेत्रों में भी लाभ प्राप्त किया जा सकता है। सोलर पैनल लगवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अपने-अपने स्तर पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। सरकार ने बैंकों को सोलर पैनल लगाने के लिए लोन देने के आदेश दिए हैं.
1 किलोवाट से 3 किलोवाट तक का सोलर पैनल लगाने की लागत यहां बताई गई है। सरकार द्वारा हाल ही में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना जारी की गई है, इस योजना का लाभ उठाकर कम लागत में सोलर सिस्टम लगवा सकते हैं। सोलर सिस्टम का उपयोग करने से बिजली बिल से राहत मिलती है। इनके प्रयोग से पर्यावरण अनुकूल बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। यानि कि सोलर पैनल से बिना किसी प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न किये बिजली उत्पन्न की जाती है।
सोलर पैनल क्या है?
सोलर पैनल का उपयोग सूर्य से प्राप्त सौर ऊर्जा को बिजली में बदलने के लिए किया जाता है, यह कार्य सोलर पैनल में लगे सोलर सेल (PV Cell) के माध्यम से किया जाता है। इसमें सौर सेल अर्धचालक पदार्थ से बने होते हैं, जिन पर सूर्य की रोशनी पड़ने पर इलेक्ट्रॉन मुक्त हो जाते हैं, ऐसे में ये मुक्त इलेक्ट्रॉन प्रत्यक्ष धारा (डीसी) के रूप में बिजली उत्पन्न करते हैं। सौर पैनलों द्वारा उत्पन्न बिजली का उपयोग करके विद्युत उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है, भारत में मुख्य रूप से 3 प्रकार के सौर पैनलों का उपयोग किया जाता है:-
पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल – ये सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले सोलर पैनल हैं। इस प्रकार के सोलर पैनल का रंग नीला होता है। पॉलीक्रिस्टलाइन सौर पैनलों की लागत कम होती है। इस प्रकार का सोलर पैनल सरकार से सब्सिडी प्राप्त करके लगाया जा सकता है। पॉलीक्रिस्टलाइन सौर पैनलों की दक्षता 15% से 18% तक होती है।
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल – इस प्रकार के सोलर पैनल की दक्षता अधिक होती है, इनका उपयोग करके कुशल सोलर पैनल लगाया जा सकता है। ऐसे सौर पैनलों का रंग आमतौर पर काला या गहरा नीला होता है, इनकी दक्षता पॉलीक्रिस्टलाइन सौर पैनलों की तुलना में अधिक होती है। ये सोलर पैनल कम धूप में भी बिजली पैदा करने में सक्षम हैं।
बाइफेशियल सोलर पैनल- ये सबसे आधुनिक सोलर पैनल हैं, जिनके जरिए दोनों तरफ से बिजली पैदा की जा सकती है। बाइफेशियल सौर पैनल सामने की ओर से सूर्य से प्राप्त प्रकाश से बिजली का उत्पादन करते हैं, जबकि ये सौर पैनल पीछे से परावर्तित प्रकाश (अल्बेडो लाइट्स) से बिजली का उत्पादन करते हैं। इन सौर पैनलों का उपयोग उन्नत सौर प्रणालियों में किया जा सकता है.