नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव अब बीजेपी और कांग्रेस के लिए साख का सवाल बना चुका है, जिसमें तमाम नेताओं ने खूब मेहनत कर अपनी-अपनी पार्टियों के लिए वोटों की अपील की। राज्य की सभी 200 में से 199 सीटों पर सुबह से वोट डाले जा रहे हैं।
मतदाता बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकलकर अपने चहेते प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद कर रहे हैं। इस बीच विधानसभा चुनाव में वोटिंग के दौरान एक बड़ी खबर सामने आई है।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल और उनके परिवार ने वोट डाला, लेकिन ऐसा संयोग बना कि अपने दल को मतदान नहीं कर पाए। आप सोच रहे होंगे कि हनुमान बेनीवाल के सामनेय ऐसी क्या वजह रही जो अपनी ही पार्टी को वोट नहीं कर सके, जिसे आप ठीक से जान सकते हैं।
जानिए अपनी पार्टी को क्यों नहीं कर पाए वोट
राजस्थान की खींवसर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हनुमान बेनीवाल ने मतदान करते समय लोगों से एक-एक वोट देने की अपील की। लेकिन वे खुद ही अपनी पार्टी को वोट नहीं दे सके। इतना ही नहीं उनकी पत्नी, भाई और परिवार के अन्य सदस्य भी पार्टी को वोट नीहं दे पाए।
इसके पीछे एक बड़ी वजह सामने आई है। दरअसल, हुनमान बेनीवाल ने खींवसर से अपना नॉमिनेशन किया। नामांकन पत्र के अनुसार, वह नागौर विधानसभा क्षेत्र के परमगांव निवासी हैं। वे नागौर विधानसभा क्षेत्र के भाग संख्या 90 की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के बूथ पर 795 पर हनुमान बेनीवाल पुत्र रामदेव बेनीवाल के नाम से मतदाता हैं।
बूथ नंबर 797 पर उनके भाई नारायण बेनी वाला मतदाता हैं। ऐसी स्थिति में उनके वोट खींवसर में नहीं बल्कि नगौर विधानसभा में हैं।
आरएलपी ने नहीं उतारा प्रत्याशी
आरएलपी के नेता हनुमान बेनीवाल और उनके परिवार का वोट नागौर विधानसभा में है। कांग्रेस के उम्मीदवार हरेंद्र मिर्धा और भाजापा उम्मीदवार ज्योति मिर्धा हैं। यहां वे अपनी पार्टी नहीं बल्कि दूसरी पार्टी या फिर निर्दलीय को वोट देने के लिए मजबूर हुए। हालांकि, उन्होंने वोट किसे दिया इसका खुलासा नहीं किया है। जानकारी के लिए बता दें कि राज्य में सुबह 7 बजे से वोटिंग चल रही है, शाम 6 बजे तक जारी रहेगी। सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से काफी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।