नई दिल्ली– राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर से चुनावी सरगामी तेज हो गई। अभी से लेकर चारों तरफ चर्चाएं तेज हो गई है। राजस्थान सरकार में होने के बाद अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलने वाली मेयर मुनेश गुर्जर के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बता दे कि अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान बाजी करने वाली मेयर जब सस्पेंड हुई तो कोर्ट ने बहस कर दिया था। लेकिन गहलोत सरकार ने एक बार फिर से सस्पेंड कर दिया है।
आप मुनेश गुर्जर का अगला कदम क्या होगा इस पर लगातार नजर बनी हुई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में मुनेश गुर्जर की सिर्फ में और पद से बर्खास्त दी ही नहीं हुई बल्कि अब उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। सस्पेंड होने के बाद पार्षद पद भी पूरी तरह से गवा चुके है।
जानकारी के अनुसार आपको बता दे की जयपुर नगर निगम हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर के घर पर एसीबी की छापेमारी की गई थी। जिसके बाद मेयर के पति को एसीबी ने रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है। इसके बाद मेयर को सस्पेंड कर दिया गया था। इस दौरान एसीबी ने मेयर के पति सुशील गुर्जर को 2 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है।
बताया जा रहा है कि दो दलालों की भी इसमें गिरफ्तारी की गई है छापेमारी के दौरान टीम को मेयर के घर से तलाशी करते समय 40 लख रुपए कैश मिला था वही दलालों के ठिकानों से करीबन 8 लाख का कैश बरामद किया गया लेकिन तब कोर्ट से बहाली मिल गई थी।
इस कार्यवाही को लेकर एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक हेमंत प्रदीप का कहना है। कि ऐसी भी के स्पेशल जांच में शिकायत की गई थी। जमीन का पट्टा जारी करने के लिए दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे के जरिए सुशील गुर्जर 2 लाख की रिश्वत ले रहा है।
जिसके बाद मौके पर पहुंची टीम ने रंगे हाथों पैसे लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था।