नई दिल्ली- महाराष्ट्र के रायगढ़ में 5 दिन पहले हुई हैंडस्लाइड के बाद आप 27 लोगों के शव मिल चुके हैं। 5 दिन बीतने के बाद अब लापता 57 लोगों को भी मृत मानकर चला जा रहा है। बता दे कि रायगढ़ के इराशावाड़ी गांव में करीब 46 घर थे। जिनमें 48 परिवार रहते थे।
मुंबई से सटे रायगढ़ की एक दुर्गम पहाड़ी पर स्थित इराशावाड़ी गांव हैंड स्टाइलेट के बाद अब 27 सौ बरामद की जांच के हादसे के बाद से लापता 57 को भी मृत माना जा रहा है। इसके साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़कर 85 हो गई। इन मौतों में फायर ब्रिगेड का एक कर्मचारी भी शामिल है। जिसकी रेस्क्यू के दौरान हार्ट अटैक में मौत हो गई थी।
बता दें कि इराशावाड़ी गांव पर 19 जुलाई की रात करीब 11:00 बजे पहाड़ टूट कर गिरा और पूरा गांव उसकी चपेट में आ गया था। इसके बाद यहां लगातार 5 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में हजार के करीब रेस्क्यू कर्मी जुटे हुए थे। जिसमें एनडीआरएफ और एसटीआरएफ के साथ इलाके के सैकड़ों पर्वतारोही भी शामिल हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल बचाव कर्मियों ने बताया कि ऊपर हालात बेहद विषय में उन्होंने बताया कि हैंड स्टाइलेट की वजह से पहाड़ी पर मलबे का ढेर है। और उस मलबे को कहां हटाया जाए इसको लेकर बचाव कर्मियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथी लगातार हो रही बारिश के चलते भी पहाड़ी पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला पाना मुश्किल हो रहा था।
जानकारी के मुताबिक गांव में करीब 46 घंटे जिनमें 48 परिवार रहते थे। मलबा हटने के बाद अब तक यहां से 27 शव को बरामद किया जा चुका है 57 लोगों के बारे में कोई सुराग नहीं मिल रहा है। जिन्हें अमृत माना जा रहा है।
इरशालवाड़ी तक रास्ता एक खड़ी चढ़ाई से होकर जाता है। वही इस चोटी पर चढ़ने में करीब 2 से ढाई घंटे लगते हैं इन परिस्थितियों को देखते हुए ही प्रशासन ने फैसला किया है कि सभी मृतकों का अंतिम संस्कार ऊपर चोटी पर ही किया जाएगा। बता दें कि महाराष्ट्र के सीएम राहत बचाव के कार्य का जायजा लेने खुद घटनास्थल पर पहुंचे यहां सीएम ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की थी। और पीड़ितों को हर संभव मदद की बात कही थी। एकनाथ शिंदे ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान की भी किया था। साथ ही यह भी कहा था। कि इस घटना में घायल हुए लोगों का इलाज सरकार द्वारा करवाया जाएगा।