नई दिल्ली। बिहार के सुपौल जिले में शुक्रवार (22 मार्च) की सुबह बड़ा हादसा हो गया। निर्माणाधीन पुल का एक बड़ा हिस्सा गिर गया, जिसकी चपेट में आने से कम से कम एक मजदूर की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि मलबे के नीचे करीब 30 मजदूर दबे हो सकते हैं।
घटनास्थल से मिली ताजा जानकारी
पहलू | विवरण |
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घटनास्थल | सुपौल जिला, बिहार |
तारीख और समय | 22 मार्च 2024, सुबह 7 बजे |
हताहत | 1 मजदूर की मौत (आशंका और बढ़ सकती है) |
घायल | 6 घायल (अस्पताल में भर्ती) |
लापता | 30 (स्थानीय लोगों का दावा) |
निर्माणाधीन पुल | भारत माला परियोजना के अंतर्गत बन रहा 10.5 किलोमीटर लंबा पुल |
ठेकेदार कंपनी | ट्रांस रेल कंपनी |
क्या हुआ था?
सुपौल के बख्तियारपुर के पास शुक्रवार की सुबह करीब 7 बजे निर्माणाधीन पुल का एक बड़ा गर्डर गिर गया। इस हादसे में एक मजदूर की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं।
आसपास के लोगों का कहना है कि मलबे के नीचे करीब 30 मजदूर दबे हो सकते हैं। घटना की सूचना मिलते ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। वहीं, मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
स्थानीय लोगों का गुस्सा
इस हादसे के बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि पुल निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था। साथ ही, मजदूरों को सुरक्षा उपकरण भी मुहैया नहीं कराए गए। वहीं, कुछ ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कंपनी से कई बार शिकायत की थी, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। उल्टा उन्हें धमकाया गया।
सरकार का एक्शन
इस हादसे पर बिहार सरकार ने तत्काल कार्रवाई की है। मुख्य सचिव ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। साथ ही, घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। वहीं, DM और SP को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। लापता मजदूरों को ढूंढने के लिए भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
जांच जरूरी!
यह हादसा निर्माण में लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा है। इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी पाए जाएं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।