भूमध्यसागर में ग्रीस नाव हादसे में मारे गए लोग कोटली के थे। कोटली पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (POK) का एक शहर है। इस हादसे के बाद कश्मीर पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले पाकिस्तान की कलई दुनिया के सामने खुल कर आ गई है।
पाकिस्तान के लिए शर्मिंदा होने का यह पहला कारण ग्रीस में हुआ नाव हादसा है। इस नाव हादसे में मारे गए या लापता हुए लोगों में सबसे ज़्यादा संख्या POK (गुलाम कश्मीर) से भागे लोगों की है।
ऐसी जानकारी मिली है कि पाकिस्तानी पासपोर्ट धारक नागरिकों को खतरनाक स्थितियों में नाव पर सवार किया गया था। अभी तक 500 लोग लापता हैं और सबसे ज्यादा POK के हैं। बताया जा रहा है कि POK नागरिकों को डेक के नीचे बैठने पर मजबूर किया गया था। नाव पर 400 POK के नगारिक सवार थे। इस हादसे को अभी तक का सबसे खतरनाक हादसा बताया जा रहा है।
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नाव के डेक पर पासपोर्ट के हिसाब से लोगों को वरीयता दी गई थी। POK के नागरिकों को डेक के नीचे जगह दी गई। पाकिस्तानी पासपोर्ट वाले POK के नागरिकों सबसे ज्यादा मौत का कारण यही है वो सबसे नीचे बैठे थे। जब उन्होंने भागने की कोशिश की या फिर जब वो ताजे पानी की तलाश में आए तो चालक दल के सदस्यों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। जीवित बचे लोगों में कोई भी महिला या बच्चे नहीं हैं।
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हादसे की शिकार हुई नाव पर करीब 400 POK के नागरिक सवार थे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने क़बूल किया है कि हादसे में जिंदा बचे 78 लोगों में से सिर्फ 12 पाकिस्तानी हैं। नाव पर हालात इतने खराब थे उसके डूबने से पहले ही ताजे पानी से बाहर निकलने के बाद छह लोगों की मौत हो चुकी थीं। हादसे के बाद से POK के करीब दर्जनों युवक लापता हैं। ये सभी लोग तीन महीने पहले पाकिस्तान छोड़कर चले गए थे।
यह हादसा ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान के हालातों से तंग युवा देश छोड़कर जाना चाहते हैं। पिछले दिनों आए एक सर्वे के मुताबिके POK समेत मुल्क के करीब 70 फीसदी युवा देश छोड़कर यूरोप, अमेरिका और ब्रिटेन में बसने को बेकरार हैं। ग्रीस पाकिस्तानियों की फेवरिट जगह है। आंकड़ों के मुताबिक करीब एक लाख पाकिस्तानी नागरिक इस देश में बसे हुए हैं।
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एक तरफ़ पाकिस्तान भारत की ओर वाले कश्मीर को लेकर अक्सर स्यापा करता रहता है। लेकिन कोटली यानी POK (गुलाम कश्मीर) के लोग छोरी छिपे पाकिस्तान से भाग रहे हैं। कारण साफ़ है पीओके में न रोटी बनाने के लिए आटा है और न पीने के पानी है। बिजली की लोड शेडिंग यानी बिजली कटौती 18 से 20 घण्टे तक हो रही है। पूरे पीटके में सिर्फ़ दो अस्पताल ही वर्किंग कंडीशन में हैं। मतलब कि पीओेके में रह रहे लोगों के सामने दो ही रास्ते हैं कि वो ज़िल्लत की ज़िंदगी जिएँ या फिर किसी भी तरह पाकिस्तान के चंगुल से निकल भागें।
दूसरी बेइज्जति रूस ने की। रूस ने कहा कि पाकिस्तान को जो तेल दिया गया है उस पर किसी तरह की छूट या रियायत नहीं दी गई है। पाकिस्तान की रुसवाई यहीं नहीं रुकी है। रूस से जो तेल आया है उसको रिफाइन करने वाली रिफाइनरीज पाकिस्तान में हैं ही नहीं। कुछ लोगों ने तो दावा किया है कि बैक डोर डिप्लोमैसी के ज़रिए पाकिस्तान रूसी तेल को भारत से रिफाइन करवा रहा है। हालाँकि औपचारिक तौर पर भारत या पाकिस्तान दोनों में से किसी सरकार ने इस पर कुछ नहीं कहा है। बहरहाल, पेट्रोलियम विशेषज्ञ यह जानते और मानते हैं कि पाकिस्तान के पास रूस से आने वाले तेल को उपयोग करने की क्षमता न थी और न है। बहरहाल, पाकिस्तान को तेल के मुद्दे पर शर्मिंदगी के साथ रुसवाई भी उठानी पड़ रही है।