नई दिल्ली- गौरव गोगोई ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव हमारी मजबूरी यहां संख्या बल की बात नहीं है बल्कि बात मणिपुर की है। प्रधानमंत्री को इस पर बोलना चाहिए।
मोदी सरकार के खिलाफ संसद में पेश किए गए। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो चुकी इस दौरान विपक्ष की तरफ से चर्चा की शुरुआत गौरव गोगोई की तरफ से की गई जिसमें उन्होंने बताया कि विपक्ष आखिर क्यों अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर पर चुप्पी तोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 80 दिन लग गए हम उनका मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी भी की है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि क्या हम बताएं कि स्पीकर के दफ्तर के अंदर प्रधानमंत्री ने क्या-क्या कहा है। इस पर अमित शाह ने कहा कि हां आपको बताना चाहिए। इस दौरान अभी रंजन चौधरी समेत तमाम विपक्षी सांसद खड़े नजर आए गौरव गोगोई ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव मजबूरी यह बात कभी संख्या की नहीं थी यह मणिपुर पर चर्चा की थी हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मणिपुर पर अपना व्रत तोड़े।
गौरव गोगोई ने कहा इंडिया गठबंधन मणिपुर के लिए इंसाफ मांग रहा पूरा मणिपुर आज इंसाफ मांग रहा है। लूथर किंग ने कहा कि अगर कहीं भी ना इंसाफी हो तो उसे जगह पर इंसाफ के लिए खतरा बन सकता है यह जो घटनाएं मणिपुर में हो रही है। इससे यह नहीं समझा जाए कि उत्तर पूर्वी के किसी कोने पर हो जाए अगर मणिपुर चल रहा है । तो भारत चल रहा है। अगर मणिपुर विभाजित हुआ तो भारत विभाजित हो जाएगा।
कांग्रेस नेता ने लोकसभा में कहा कि हमारा शादी की मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री सदन में मणिपुर पर अपनी बात रखें अपनी संवेदना प्रकट करें और उस पार्टी का समर्थन करें जिससे मणिपुर में संदेश जाए कि दुख की घड़ी में पूरा सदन मणिपुर के साथ है।