New Toll Collection System: केंद्र की मोदी सरकार हाइवे पर चलने वाले राहगीरों के लिए नए-नए नियम बनाती रहती है, जिसका असर भी देखने को मिलता है। इस बीच क्या आपको पता है कि केंद्र की मोदी सरकार हाईवे पर टोल से संबंधित नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है।
इससे जुड़े सवाल के जवाब में केंद्रीय परिवहन व राज मार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी एक बड़ा बयान दिया था। सरकार जल्द ही हाईवे पर जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करने के लिए टेंडर जारी करेगी। गडकरी के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लाया या जीपीएस बेस्ड टोल सिस्टम सफल रहा।
सरकार अब जल्द ही नए टोल कलेक्शन सिस्टम को लॉन्च करने के लिए टेंडर जारी करेगी। इसके साथ ही जीपीएस बेस्ड टोलिंग सिस्टम शुरू होने से गाड़ियों में लगे जीपीएस से पता चल जाएगा कि आपने अभी तक कितनी दूरी तय की है। इससे आपको गाड़ी रोकने की जरूरत नहीं होगी।
जानिए क्या है हाईवे टोलिंग सिस्टम?
आधुनियक जमाने में विश्वभर में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम का प्रयोग किया जाता है। आकाश में चक्कर लगा रहे सैटेलाइट के एक बड़े समूह द्वारा किया जाता है। इसके साथ ही अगर यह सिस्टम पूरे देश में लागू हो जाता है तो वाहनों पर फास्टटैग लगाए रखने का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।
तब वाहनों में अंदर एक नया डिवाइस जाएगा। इसे ऑन बोर्ड यूनिट या ट्रैकिंग डिवाइस कहा जाता है। यह निरंतर इंडियर सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम गगन से जुड़ा होगा और ये मैप करता रहेगा कि आपका वाहन कहां जा रहा है। इतना ही नहीं सड़क से गुजरने की जानकारी भी अपने पास रखेगा। नया सिस्टम वाहन की पोजिशन की 10 मीटर की सटीटकता के साथ आराम से काम करता है।
जानिए कैसे काम करेगा सिस्टम
यह सिस्टम आराम से काम करेगा, जिससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। इसके लिए देस के सभी हाईवे की पूरी लंबाई स्थितियों को डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग की सहायता से लॉग इन करना होगा। इसके साथ ही हर राजमार्ग यानी हाईवे की टोल दर सॉफ्टवेयर के जरिए दर्ज किया जाएगा इससे वाहन जिस भी हाईवे से गुजरेगा उसमें अपने आप वाहन लगा डिवाइस आपके उतने पैसों को काट लेगा। इस सिस्टम और भी काम किया जाएगा, जिससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।