नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का जनसंपर्क अभियान सूबे के कई जिलों में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया है। ऐसी खबरें हैं कि इसके प्रगत से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ज्यादा खुश नहीं है जनसंपर्क अभियान को आगे बढ़ाने के साथ-साथ अब भाजपा ने असफल नेताओं के सामने एक नई जिम्मेदारी रखी है। उन्हें एक बार फिर से बड़ी संख्या में लोगों को जुटाना होगा ताकि डिफाल्टर जिलों में भी जनसंपर्क अभियान को सफल बनाया जा सके या अभियान अब 18 जुलाई 2023 तक बढ़ाया जाएगा।
जून में पार्टी में जनसंपर्क अभियान के दौरान कई जिलों में भाजपा सांसदों की कमियां उजागर हुई लाभार्थियों की सर्वजनिक सभा आयोजित करने के लिए 10,000 की भीड़ निर्धारित की गई थी मगर कम से कम एक दर्जन जिलों में भारतीय जनता पार्टी की भीड़ काफी कम रही जिससे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा संतुष्ट नहीं थे। इस संबंध में उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महासचिव धर्मपाल सिंह से रिपोर्ट ली है। इन जिलों में अब सांसदों को टिकट नहीं दिए जाएंगे यानी कि उनके टिकट अब खतरे में चल रहे है।
इस जनसंपर्क अभियान के दौरान बीजेपी ने हर लोकसभा क्षेत्र में एक जनसभा का आयोजन किया था इस जनसभा का लक्ष्य 10000 लोगों को जुटाना था कई जिलों से सूचना मिली कि वहां सांसद की भीड़ नहीं जुटा सके हाल ही में जेपी नड्डा ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और संगठन महासचिव धर्मपाल सिंह से वर्चुअल बातचीत की थी। और पूरी रिपोर्ट उनके सामने रखी थी।
पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है। कि नोएडा कन्नौज जैन जौनपुर हाथरस बहराइच जैसे जिलों में बहुत कम भीड़ थी। इसके अलावा अत्यधिक गर्मी के बावजूद कई स्थानों पर जर्मन हैंगर स्थापित नहीं किए गए थे जिसके परिणाम स्वरुप कार्यक्रम में कम लोग शामिल हुए इसी तरह होती है। और लालगंज के कार्यक्रम में भी कम भीड़ रही इसके परिणाम स्वरूप क्षेत्र में संबंधित प्रभारियों का प्रदर्शन कम रहा जिससे मौजूदा सांसदों की प्रगति रिपोर्ट में ध्यान में रखा गया है।
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अब यह निर्णय लिया गया है। कि लोगों को जुटाने के लिए नया लक्ष्य निर्धारित करने के साथ कम प्रदर्शन वाले जिलों में फिर से अभियान शुरू किया जाएगा। इस बार सार्वजनिक कार्यक्रमों के साथ साथ जनसंपर्क पर भी अधिक जोर दिया जाएगा हालांकि इस कवायद में असफल अभियान की कमियों को पूरा कर लिया जाएगा और मौजूदा प्रभारियों और सांसदों का आचरण किया जाएगा जाहिर है। कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी का जनसंपर्क अभियान वहां के कुछ जिलों में सफल नहीं हो सका क्योंकि पार्टी ने असफल नेताओं के सामने नई जिम्मेदारी डाल दी है।