नई दिल्ली- मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सियासत तेज हो गई है। 17 नवंबर को मतदान है और 30 अक्टूबर को ही अंतिम तारीख नामांकन दाखिल करने की है। लेकिन इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। खुलासा यह हुआ कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच जो टकराव हुआ इसकी वजह क्या है यह साफ हो गई। हम आपको आज बताएंगे कि इन दोनों पार्टियों में बगावत के सुर उठे इसकी वजह क्या थी जानिए
बता दे की मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव 6 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते थे। वहीं मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ उन्हें चार सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह रहे थे। उन्होंने कहा कि चार सीटों पर हम चुनाव लड़ने की बात कर सकते हैं।
जब दोनों पार्टियों में बातचीत नहीं बनी उसके बाद कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया गया जिन सीटों पर समाजवादी पार्टी ने पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा की थी उन्हें सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को उतार दिया जिसके बाद से मध्य प्रदेश की सियासत तेज हो गई। और अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी को धोखेबाज तक कह दिया यही नहीं उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष को चिरकुट नेता तक कह दिया था। लेकिन वजह जब निकलकर सामने आई तो सबके होश उड़ गए।
इंडिया गठबंधन 28 दल मिलकर बना है जिसमें समाजवादी पार्टी कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी बहुजन समाज पार्टी समेत 28 डाल है लेकिन मध्य प्रदेश और पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में कहीं पर भी गठबंधन का एक साथ आना नहीं दिखाई दे रहा है। वह चाहे राजस्थान हो या मध्य प्रदेश हो या फिर तेलंगाना छत्तीसगढ़ मिजोरम कहीं पर भी हो एक साथ गठबंधन में हिस्सेदारी करने वाले नेता दिखाई नहीं दे रहे हैं।
अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच कड़ी टक्कर है लेकिन कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी करने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी समेत आम आदमी पार्टी भी मैदान में आ चुकी जहां से कांग्रेस प्रत्याशी मजबूती से चुनाव लड़ रहे थे। वहीं पर समाजवादी पार्टी भी अब मजबूती से चुनाव लड़ने का दावा कर रही है।
आप देखने वाली बात यह होगी कि 17 नवंबर को किस तरीके से मतदान होता है और कौन मध्य प्रदेश में सियासत का कब्जदार होता है। कौन यहां से मुख्यमंत्री बनता है। कौन सी पार्टी फतह हासिल करती यह आने वाला समय बताएगा।