Metro Station: तेज विकास के लिए आसपास के बड़े शहरों के बीच आसान, सुलभ और आरामदायक कनेक्टिविटी जरूरी है। मेट्रो महानगरीय परिवहन का सबसे विश्वसनीय साधन बनकर उभरा है। जिससे एनसीआर के शहरों के बीच की दूरी कम हो गई है और यात्रा का समय भी कम हो गया है.
मेट्रो ने एनसीआर के लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या के बिना समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचने का आश्वासन दिया है। फिर भी एनसीआर के शहरों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए मेट्रो का विस्तार उस गति से नहीं हो सका, जिस गति से होना चाहिए। जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में एनसीआर में मेट्रो नेटवर्क का तेजी से विस्तार करने की जरूरत है। इससे न केवल एनसीआर के शहरों के बीच परिवहन सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि एनसीआर के आर्थिक नेटवर्क का भी तेज गति से विस्तार होगा।
दिल्ली मेट्रो के विस्तार की धीमी गति को बढ़ाने की जरूरत है.
मेट्रो के मास्टर प्लान के मुताबिक साल 2021 तक दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क 413.83 किलोमीटर होना चाहिए था. दिल्ली तो छोड़िए, एनसीआर में मौजूद मेट्रो के कुल नेटवर्क को मिलाकर भी यह लक्ष्य अब तक हासिल नहीं हो सका है। फेज चार के छह कॉरिडोर का निर्माण पूरा होने के बाद यह लक्ष्य काफी हद तक हासिल हो जाएगा।
तीन कॉरिडोर पर अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है
चरण चार की परियोजनाओं को वर्ष 2021 तक पूरा किया जाना था, लेकिन तय समय से दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी तीन कॉरिडोर पर अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है. जिसमें एक कॉरिडोर (रिठाला-नरेला-कुंडली) को मंजूरी का इंतजार है.