नई दिल्ली– डीएमके नेता और मंत्री उदय निधि सनातन धर्म को लेकर लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। लगातार विरोध में बयान देने वाले उदय निधि ने अब नई संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति को ना बुलाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस विवादित बयान को देकर अपने आप को सुर्खियां में घेर लिया है। बताया जा रहा है कि उदय निधि ने कहा कि आदिवासी और विधवा महिला भारत देश की राष्ट्रपति है इसलिए उन्हें नई संसद के उद्घाटन समारोह में नहीं बुलाया गया। यही नहीं उदय निधि ने आगे क्या-क्या कहा नीचे खबर में पढ़िए
जानकारी के अनुसार आपको बता दे की नई संसद भवन में पैर रखने और उद्घाटन करते समय राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया। जिसको लेकर अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे उदय निधि ने अब विवादित बयान दिया। उन्होंने फिर सनातन को मिटाने की बात की और कहां की सनातन के साथ से जातिगत भेदभाव भी खत्म हो जाएगा। यही नहीं उदय निधि ने आगे बड़ा बयान देते हुए कहा की नई संसद भवन में भारत के प्रथम नागरिक होने के बावजूद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को निमंत्रण नहीं दिया गया। आखिरकार यह क्यों किया गया यह बड़ा सवाल लगातार बना हुआ है।
आगे उसने अपने बयान में कहा कि करीब 800 करोड रुपए की लागत से बनी नई। संसद भवन एक यादगार परियोजना थी लेकिन उसके बाद भी भारत की प्रथम महिला प्रथम नागरिक राष्ट्रपति को निमंत्रण नहीं दिया गया।
उन्होंने आगे बयान देते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इसलिए नहीं बुलाया क्या क्योंकि वह विधवा है वह आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती है। इसलिए उन्हें नई संसद भवन में नहीं बुलाया गया उदय निधि ने आगे करते हुए पूछा कि क्या इसे ही हम सनातन धर्म कहते हैं। यही नहीं उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आगे कहा कि हम इसके खिलाफ अपनी आवाज को उठाना जारी रखेंगे गरीब 800 करोड़ की लागत से बनकर तैयार नया संसद भवन एक यादगार परियोजना थी। लेकिन फिर भी भारत देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू को नहीं बुलाया गया ना ही उन्हें निमंत्रण दिया गया। क्योंकि उनकी आदिवासी पृष्ठभूमि और एक विधवा होने की वजह कार्यक्रम से दूर रखा गया।