नई दिल्ली- 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले ही 28 साल मिलकर बना इंडिया गठबंधन अब बिखरता हुआ नजर आ रहा है इस बीच अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन की बात नहीं करेंगे। ऐसा दावा किया जा रहा है। क्या इस दावे में हकीकत है आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं।
जानकारी के अनुसार हम आपको बता दे की मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच जूबानी चुनावी तकरार अब इंडिया गठबंधन के टूटने पर आ गई। इस बीच समाजवादी पार्टी की तरफ से बयान बाजी निकलकर सामने आ रही माना जा रहा है कि दोनों ही तरफ से विवाद बढ़ गया।
अब 2024 के लिए बना इंडिया गठबंधन एक बार फिर से बिखरता हुआ नजर आ रहा है। इस मौके पर आपको बता दे कि गठबंधन को लेकर दोबारा बातचीत करके मामले को संभालने की कोशिश की जा रही हालांकि समाजवादी पार्टी इन सबके बीच अपने बयान के जरिए एक संकेत दे रहे हैं माना जा रहा है। कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव 2024 का लोकसभा चुनाव अपने तरीकों से और पार्टी के फार्मूले के तौर पर लड़ेंगे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन की जगह अपने दलित पिछड़े जो अल्पसंख्यकों का जिक्र करना फिर से शुरू कर चुके हैं और एक बार फिर से 2022 के विधानसभा चुनाव के फार्मूले को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयार कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि अखिलेश यादव 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की रणनीति समाजवादी पार्टी के फार्मूले के तौर पर एक नई पारी की शुरुआत के तौर पर इसे शुरू करना चाहते हैं। और समाजवादी पार्टी पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यकों का जिक्र करना शुरू कर चुकी है।
आगे आपको बता दे कि पिछले कई महीनो से लगातार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस पूरे मामले को लेकर अलर्ट नजर आ रहे हैं। और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में जाकर समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान करने और इंडिया गठबंधन को जितनी की बात कर रहे थे। लेकिन इन दोनों अब उनके सुर बदलते हुए नजर आ रहे हैं ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है। कि 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी अलग होकर अलग तरीके से चुनावी मैदान में आ सकती है।