नई दिल्ली: देशभर में अब लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, जिसकी चर्चा तेजी से चल रही है। दूसरी ओर मोदी सरकार ने अचानक संसद सत्र बुलाने का फैसला किया है, जिसके बाद तमाम तरह की कयासबाजी शुरू हो गई है। सवाल उठ रहे हैं कि अचानक सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र को बुलाने के पीछे सरकार की मंशा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार संसद में कुछ बिल पारित कर सकती है। विपक्षी के मन में सवाल उठ रहा है कि सरकार की मंशा वन नेशन, वन इलेक्शन की भी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो फिर यह किसी बड़े फैसले से कम नहीं होगा। पहले ही कई बार केंद्र सरकार एक राष्ट्र एक चुनाव की वकालत कर चुकी है।
सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन को कमेटी गठित
केंद्र की मोदी सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए कमेटी भी गठित कर दी है,जिका अध्यक्ष देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है। इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में कमेटी कानून के सभी पहलुओं पर विचार करेगी। एक चुनाव की संभावना का पता लगाने का काम करेगी। कमेटी में बाकी लोग कौन सामिल होंगे इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
सदस्यों के बारे में अधिसूचना बाद में जारी किया जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो फिर एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव होंगे। अगर ऐसा हुआ तो फिर नई सरकारें के कार्यकाल जल्द ही खत्म हो जाएंगे। कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां पूरे पांच साल होने वाले हैं, लेकिन तमाम राज्यों में हाल ही में सरकारें गठित हुई है।
सरकार ने बुलाया संसद में विशेष सत्र
सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है, जिसकी चर्चा तेजी से हो रही है। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र के दौरान एक देश एक चुनाव को लेकर बिल पेश करने की तैयारी के तौर पर माना जा रहा है। पीएम के नेतृत्व वाली सरकार के 9 सालों का पहला ऐसा विशेष सत्र बुलाया है, जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।