नई दिल्ली। झारखंड के जामताड़ा और विद्यासागर के बीच एक ट्रेन में भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया। घटना भगलपुर-येसवंतपुर ट्रेन (गुजरात डाउन लाइन) में हुई। घटना के अनुसार, भगलपुर-येसवंतपुर ट्रेन के ड्राइवर ने पटरी पर गिट्टी का मलबा देखा, जिससे उन्हें लगा कि सामने कोई ट्रेन है और उसमें धुआं निकल रहा है। इसी दौरान ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैल गई। अफवाह फैलते ही यात्री ट्रेन रुकते ही बाहर निकलने लगे।
गलत तरफ कूदने से हुआ हादसा:
ट्रेन के गलत साइड से कूदने के दौरान, आसनसोल से जसीडीह की ओर जा रही EMU यात्री ट्रेन की चपेट में कई यात्री आ गए।
दुर्घटना में 2 की मौत, कई घायल:
इस हादसे में कई लोगों के घायल होने की खबर है, जबकि 2 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। मृतकों की पहचान उनके पास मिले आधार कार्ड से की गई है। रात भर तक बचाव कार्य जारी रहा।
चश्मदीदों का बयान:
घटनास्थल पर जमा हुए चश्मदीदों की भीड़ इस भयानक ट्रेन हादसे का दृश्य बयान करती रही। स्थानीय लोगों के अनुसार, “जब यात्रियों की भीड़ कलजोरिया के पास भगलपुर-येसवंतपुर ट्रेन से घबराकर कूद रही थी, तो घुमावदार ट्रैक के कारण, दूसरी तरफ से आ रही आसनसोल-झाझा EMU की गति काफी कम हो गई थी। यही कारण था कि ट्रेन से उतरने वाले सैकड़ों यात्री किसी तरह कूदकर अपनी जान बचाने में कामयाब हो गए। अन्यथा, इस हादसे में दर्जनों लोगों की मौत निश्चित थी।”
रात में जंगल के पास होने के कारण भी हुई दिक्कत:
रात में जंगल के पास होने के कारण मृतकों और घायलों की तलाश में काफी मशक्कत करनी पड़ी। स्थानीय लोगों के अनुसार, हादसे में दर्जनों लोग घायल हुए थे, जो घायल होने के बावजूद वापस ट्रेन में चढ़ गए और आसनसोल के लिए रवाना हो गए।
जिला परिषद सदस्य की मांग:
जिला परिषद सदस्य और स्थानीय ग्रामीण सुरेंद्र मंडल ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि “यह घटना निंदनीय है। उन्होंने मृतकों और घायलों के परिजनों को रेलवे द्वारा तत्काल मुआवजा देने की मांग की है।”
मौके पर मिला सामान:
इस घटना के दौरान, भगलपुर-येसवंतपुर से उतरने वाले सैकड़ों यात्री पैदल चलकर कासितंड स्टेशन पहुंचे और वहां शरण लेकर जसीडीह और जामताड़ा जाने वाली ट्रेन का इंतजार करते रहे। वहीं, घटनास्थल पर अफरातफरी के बीच दो बैग फेंके हुए पाए गए।
वहीं, दर्जनों लोगों के चप्पल, जूते और पानी की बोतलें इधर-उधर बिखरी हुई थीं। शव इतने क्षत-विक्षत थे कि पटरियों पर हर तरफ खून के धब्बे थे। आरपीएफ टीम ने दोनों बैग को सुरक्षित रखा है।