कुछ दिन पहले तक इस्लामाबाद (Islamabad) की सड़कों पर हम लेकर रहेंगे आज़ादी, तेरा बाप भी देगा आज़ादी के नारे लगाने वाले और इमरान खान के बेहद करीबी फवाद चौधरी ने मंगलवार को इस्लामाबाद (Islamabad) पुलिस की गाड़ी देख हाईकोर्ट में भीतर की ओर ऐसी दौड़ लगाई जैसे शेर के जबड़े से निकल कर बकरा जान बचाकर भागता है।हालांकि इस भाग-दौड़ में फवाद चौधरी को हल्की-फुल्की चोट भी आई हैं।
Hahahaha! “Takkar Ke Log”. Fawad Chaudhry RAN back to the high court after looking at the police. The so-called warriors of “Haqeeqi Azadi”! 😂 Zardari was right when he said, “Imran Ka Zawaal Shuru”. Tank ke agay laitna nahi tha?pic.twitter.com/92HI7zMxYj
— Saad Kaiser 🇵🇰 (@TheSaadKaiser) May 16, 2023
दरअसल, कोर्ट से ज़मानत का फ़रमान लेकर फवाद चौधरी अपनी निजी कार में बैठकर घर की ओर चले ही थे कि सामने इस्लामाबाद (Islamabad) पुलिस ने उनकी कार को पर घेरा डाल दिया। सामने इस्लामाबाद पुलिस को देखते ही आनन-फ़ानन में फवाद चौधरी अपनी गाड़ी से कूदे और उन्होंने सीधे उसी अदालत की ओर दौड़ लगा दी जहां से उन्हें कुछ देर पहले पाबंदगी के बॉंड पर ज़मानत दी गई थी।
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ऐसा बताया जाता है कि इस्लामाबाद (Islamabad) पुलिस फ़वाद चौधरी को एक अन्य मामले में गिरफ्तार करने पहुंची थी। इसके कुछ ही समय बाद पीटीआई की ओर से ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया गया। फवाद को पाकिस्तान तहरीक–ए–इंसाफ पार्टी के अन्य नेताओं के साथ आगजनी और हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार, इन पर आरोप है कि इन्होंने सोची–समझी रणनीति के तहत शांति को खतरे में डालने का काम किया। इस्लामाबाद के बाहर पाकिस्तानी रेंजरों की ओर से इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद विरोध–प्रदर्शन के दौरान यह हिंसा हुई थी।
इमरान खान की गिरफ्तारी और जिन्ना हाउस पर हमला, सब तय था?
उधर, लाहौर आ रही ख़बरों के मुताबिक़ हाई कोर्ट ने इमरान खान की ज़मानत याचिका पर मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। पिछले सप्ताह इमरान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों की ओर से कई गई हिंसा के मामले में उनके खिलाफ दर्ज मामलों के खिलाफ याचिका दायर की गई है। इमरान खान ने लाहौर हाईकोर्ट में शनिवार को याचिका दायर की थी। एक दिन पहले उन्हें इस्लामाबाद हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा किया गया था। पंजाब की अंतरिम सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि इसे मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए।