नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश में इस वक्त एक सवाल बड़े जोर शोर से पूछा जा रहा है। वह सवाल है। मायावती और बहुजन समाज पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में किसके साथ जाएंगी। पिछले दिनों विपक्ष के बेंगलुरु में बैठक में विपक्षी एकता का ऐलान करते हुए इंडिया गठबंधन बनाया तो मायावती का आक्रमक रुख देखने को मिला। उन्होंने तब साफ कहा था। कि वह ना तो इंडिया के साथ जाएंगे। नाही एनडीए के साथ जाएंगे हालांकि इस बीच मायावती का एक ऐसा बयान सामने आ रहा है। जिसमें नई सियासी संभावनाएं हो की ओर इशारा करना शुरू कर दिया है।
25-07-2023-BSP PRESS NOTE-MP-RAJASTHAN POLL PREPARATION MEETING pic.twitter.com/qsiI1m2oJi
— Mayawati (@Mayawati) July 25, 2023
मायावती ने बैलेंस ऑफ़ पावर का हवाला देते हुए संकेत दिए हैं। कि भविष्य में वह किसी गठबंधन का हिस्सा जरूर बन सकती है। यह पहले जान लेते हैं कि मायावती और बीएसपी ने क्या कहा है। असल में बीएसपी की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति मायावती ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया। इसके मुताबिक मायावती ने छत्तीसगढ़ तेलंगाना के बाद अब पार्टी के पदाधिकारियों के साथ राजस्थान और मध्यप्रदेश के उभरते नए सियासी हालात तक पार्टियां पदाधिकारियों से बात की है।
प्रेस रिलीज के पॉइंट टू में लिखा गया है। कई राज्यों में बैलेंस ऑफ़ पावर के बावजूद जातिवादी तत्वों द्वारा साम-दाम-दंड-भेद आदि अनेकों घिनौने हथकंडे अपनाकर बीएसपी के विधायकों को तोड़ा जा रहा है। जिससे जनता के साथ विश्वासघात करके और स्वार्थी जन विरोधी तत्व सत्ता पर काबिज हो जाते हैं। अतः आगे इन विधानसभा उपचुनाव के बाद बैलेंस ऑफ़ पावर बनने पर लोगों की चाहत के हिसाब से सरकार में शामिल होने पर विचार संभव है।
इस बात को समझने के लिए हमने सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोसाइटी एंड पॉलिसी कानपुर के नेशनल कोऑर्डिनेटर और पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर डॉ संजय सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया इसमें दो बातें हैं। पहली बात यह है कि बीएसपी अपने घटते जनाधार से चिंतित हैं। बीएसपी को समझ में आ रहा है कि सत्ता में रहने के लिए लोगों से जुड़ना होता है। बाहर रहने से लोग टूट जाते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है। कि बीएसपी चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए अपना ऑफर दे रही है। खुलकर नहीं कह रही है। लेकिन इसे संकेत समझा जाए मायावती सत्ता में भागीदारी जा रही है।
प्रोफेसर संजय कुमार ने बात को और समझाने के लिहाज से आगे कहा इस हिसाब से आप मान कर चलिए कि राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ही मायावती तय करेंगी। कि इंडिया के साथ जाएंगे। या एनडीए के साथ अगर राजस्थान मध्य प्रदेश में कांग्रेस की वापसी हो गई। तो बसपा इंडिया के साथ नजर आएगी। और अगर बीजेपी को सत्ता मिली तो उनका रुख एनडीए की ओर भी हो सकता है।
यानी मायावती ने अभी भी सियासी संभावनाओं को ओपन कर रखा है। हालांकि इतना जरूर है। कि अभी तक किसी भी तरह की गठबंधन को नकारने का रुख दिखाने वाली मायावती ने अब इसे लेकर थोड़ा लचीलापन जरूर दिखाया है। ऐसे में इतना तो तय है। कि यूपी में आने वाला वक्त सियासी रूप से काफी रोचक होने वाला है।