नई दिल्ली: आमतौर पर हमने लोगों को देखा है कि नाश्ते में ऐसी चीजें खाना पसंद करते हैं जोकि हेल्दी भी हो और तुरंत बनकर तैयार भी हो जाए। ऐसी ही नाश्तो कि जब भी बात होती है तो सबसे पहले हमारे मन में पोहा का ख्याल आता है। पोहा में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है, इसके साथ ही यह काफी स्वादिष्ट भी लगता है। सुबह-सुबह इसका सेवन करने से हमारा पेट पूरे दिन भरा भरा महसूस करता है। यही सबसे बड़ा कारण है कि वेट लॉस करने वाले लोगों को सलाह दी जाती है पोहा खाने कि। क्या आप जानते हैं पोहा जितना ही हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है उससे उतना ही हमारे बॉडी को नुकसान भी पहुंचता है। अगर आप पोहे का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं तो आप को भी इससे होने वाले कई तरह के नुकसान का खामियाजा भुगतना पर सकता है। इस खबर में आगे हम जानेंगे न्यूट्रीशनिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल से पोहे को खाने से हमें किस तरह का नुकसान पहुंचता है और साथ ही ये भी जानेंगे इसको कितनी मात्रा में हमें खाना चाहिए।
न्यूट्रीशनिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल के मुताबिक पोहा बाकियों नाश्ता के मुताबिक काफी हेल्दी माना जाता है। लेकिन यह हमारे वजन को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार भी है क्योंकि इसके अंदर कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भरपूर पाई जाती है। पोहा का निर्माण आमतौर पर सफेद चावल से किया जाता है, जो कि उच्च ग्लाइसेमिक – इंडेक्स भोजन के तौर पर जाना जाता है इसके सेवन से हमारे शरीर में ब्लड शुगर कि बढ़ोतरी के साथ साथ हमारे वजन का भी बढ़ना शुरू हो जाता है। पोहे के निर्माण में इस्तेमाल करने वाली चीजें जैसे तेल इत्यादि सामग्री भी हमारे शरीर में कैलोरी की मात्रा को काफी बढ़ा देती है। ऐसे में आप नाश्ते में पोहे का सेवन तो कर सकते हैं लेकिन इसका जरूर ध्यान रखें की हर रोज और अधिक मात्रा में पोहे को खाने से बचें।
पोहा खाने के नुकसान
मोटापा
आमतौर पर जो लोग वेट लॉस कर रहे हैं उनके लिए सुबह नाश्ते में पोहा खाना हेल्दी माना जाता है। लेकिन अगर आप इसका सेवन निरंतर रूप से कर रहे हैं तो इससे आपके शरीर में मोटापे जैसी समस्याएं आने लगती है। जैसा कि हम सभी जानते हैं पोहा में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भरपूर पाई जाती है जो कि हमारे शरीर के वजन को बढ़ा देती है। इसके अलावा पोहे को बनाने के लिए हमने देखा है लोग मूंगफली और आलू जैसे चीजों का इस्तेमाल करते हैं। कई डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स ने हमें सलाह दी है कि आलू और मूंगफली में पर्याप्त मात्रा में फैट पाया जाता है।
ब्लड शुगर लेवल में होती है बढ़ोतरी
जो भी लोग डायबिटीज जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं हमेशा उन्हें चावल से दूर रहने की सलाह दी जाती है। चावल का ज्यादा सेवन करने से हमारे शरीर के ब्लड शुगर की लेवल में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलता है। और जैसा कि हम सभी जानते हैं पोहा भी सफेद चावल से ही बनाया जाता है। जिसके कारण रोजाना पोहा का सेवन करने से हमारे शरीर के अंदर ब्लड शुगर लेवल बढ़ने की संभावनाएं ज्यादा हो जाती है। जिन लोगों को भी डायबिटीज जैसी समस्याएं उनको पोहे खाने से हमेशा परहेज करना चाहिए।
एसिडिटी
कई सारे लोगों को सुबह-सुबह पोहा का सेवन करने से अपने अंदर एसिडिटी जैसी समस्याओं को झेलना पड़ता है। लंबे समय तक हमारा पेट भरा भरा महसूस करता है पोहा खाने से। जिसके कारण हमारे पेट के अंदर ऐठन और दर्द जैसी समस्याएं पैदा होना शुरू हो जाती हैं।
आयरन की अधिकता
जैसा कि हम सभी जानते हैं पोहे के अंदर आयरन की मात्रा भरपूर पाई जाती है। ऐसे में पोहे का अधिक सेवन करने से हमारे अंदर भी आयरन भरपूर मात्रा में पहुंच जाता है। शरीर में आयरन की बढ़ोतरी होने के बाद हमें उल्टी, दस्त और निर्जलीकरण जैसी समस्याओं से निपटना पड़ता है।
दातों में दर्द
कच्चे पोहे का सेवन करने से हमें दांतों में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। क्योंकि कच्चा पोहा चबाने में काफी हार्ड होता है। जिसके कारण दांतों में दर्द जैसी परेशानियां पैदा हो सकती हैं।
जानें कब और कितनी मात्रा में पोहे का सेवन करना चाहिए
हमें हमेशा पोहे का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। इसको अधिक खाने से हमें फायदे से ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ता है। अगर आपको पोहा बेहद पसंद है तो हफ्ते में दो से तीन बार इसे आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते नाश्ते में या शाम के वक्त चाय के साथ और साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि एक बार में एक कटोरी से ज्यादा इसका सेवन ना करें। अगर आप वेट लॉस जैसी प्रक्रियाओं से गुजर रहे हैं तो पोहे में मूंगफली और आलू जैसे चीजों को ना मिलाएं।