नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के हरदा में एक पटाखा फैक्ट्री के अंदर आग लगने से अभी तक करीब 15 लोगों की मौत हो गई और 100 लोग घायल बताये जा रहे हैं। आग की लपटों के कारण कई विस्फोट हुए, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
एक अधिकारी के मुताबिक, घायलों को अस्पताल ले जाया गया है और उनमें से कुछ की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। विस्फोटों की तीव्रता इतनी थी कि नर्मदापुरम जिले के निकटवर्ती सिवनी मालवा क्षेत्र के लोगों ने कहा कि उन्हें झटके महसूस हुए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों से बात की है और घटना के बारे में जानकारी मांगी है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री उदय प्रताप सिंह और वरिष्ठ अधिकारी हरदा जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल और इंदौर के मेडिकल कॉलेजों को जले हुए मरीजों के लिए तैयारी करने के लिए कहा गया है, साथ ही दमकल की और गाड़ियां मौके पर भेजी जा रही हैं।
देखा जाये तो यह लापरवाही ही है जो इस हादसे को इतना बड़ा बना दिया है। अवैध फैक्ट्री का मालिक राजू अग्रवाल था, जिसने अपना अवैध साम्राज्य ढाई एकड़ में फैलाया था, जहां सैकड़ों लोग बसे थे। प्रशासन ने उन्हें फैक्ट्री चलाने की अनुमति दी, भले ही उनके खिलाफ आरोप उठे हों।
फैक्ट्री का अनुमति से अत्यधिक दुरुपयोग
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दोनों फैक्ट्रियां बिना अनुमति के चल रही थीं, जिससे एक साल पहले भी एक हादसा हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों ने बार-बार कलेक्टर को फैक्ट्री के खिलाफ शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायतों पर प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। यह लापरवाही ही है जो अब फिर से एक बड़े हादसे का कारण बनी है।
इस भयंकर हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि राजू अग्रवाल एक दबंग आदमी हैं, जिनके खिलाफ प्रशासन की कोई कार्रवाई नहीं होती है। उनकी अच्छी पकड़ होने के बावजूद, वे अपने हिसाब से फैक्ट्री का संचालन करते थे, जिसका अंतिम परिणाम है बैरागढ़ के लोगों का आज सबकुछ खत्म हो गया है।
सूत्रों के मुताबिक, राजू अग्रवाल की यह फैक्ट्री 20 साल से चल रही थी। कहा जा रहा है कि उसने आसपास के घरों में बारूद का अवैध भंडारण भी कर रखा हुआ था और वो लगातार प्रशासन की आंख में धूल झोंकने के लिए आसपास के घरों में अवैध भंडारण करता था।