नई दिल्ली- G-20 को लेकर पूरा देश खुशियां मना रहा है। और अलग-अलग तरीके की चीजे निकल कर सामने आ रही है। अगर सुरक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े प्रबंध किए गए है। जमीन से लेकर आसमान तक की सुरक्षा की जा रही है। यहां पर 29 देश के नेता प्रतिनिधि पहुंच चुके है।
लेकिन क्या आपको पता है कि G-20 में होने वाले सम्मेलन में कितना खर्च लगने वाला है। कितना खर्च हो चुका है। आइए हम आपको बताते हैं कि आखिरकार इतना खर्च करने के बाद भारत इस सम्मेलन से क्या मिलने वाला है
G20 सम्मेलन को लेकर 10 करोड डॉलर यानी की 4100 करोड रुपए खर्च करने का अनुमान लगाया गया है। इस बीच सवाल है सभी भारतीयों के मन में कि आखिरकार दिल्ली में हो रहे g20 के सम्मेलन में भारत को क्या मिलेगा? जब चीन और रूस के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर रहे हैं।
अब हम आपको सबसे पहले यह बता दें कि पिछले साल की-20 की मेजबानी मिलने के बाद ही भारत सरकार इसकी तैयारी में जुड़ गया था। और लगातार इसकी तैयारी एक साल से चल रही थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसकी तैयारी को लेकर देश में 50 से अधिक जिलों में 200 से ज्यादा बैठकों का आयोजन किया गया।
जी 20 माना जाता है कि विश्व के सबसे ताकतवर देश का एक बड़ा समूह है। जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक और कूटनीतिक और पर्यावरण के बड़े मुद्दों पर एक साथ बैठकर कर विचार विमर्श करता है। यही नहीं इसका हल निकालने की भी कोशिश करता है।
बैठक के कुछ ही घंटा पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन बातें उजागर की उन्होंने कहा कि जी-20 के एक्शन प्लान के सतत विकास लक्षण में बड़ी तेजी आएगी जो भविष्य की दिशा को निर्धारित करेगा।
माना जा रहा है कि जी-20 महासम्मेलन में तीन विषय पर सभी नेता बात करेंगे यह विषय है वन अर्थ वन फैमिली और वन फ्यूचर, वन अर्थ में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण जैसे बड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
और अगर वन फ्यूचर के तहत बात की जाए तो सभी ऐसे बड़े मुद्दों पर जितने नेता विदेश से आए हैं। सब इस पर बातचीत करेंगे।