नई दिल्ली। मणिपुर (Manipur Violence) में 3 मई, 2023 से जारी हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 15 फरवरी, 2024 को चुराचांदपुर में भीड़ ने सरकारी परिसर पर धावा बोल दिया। इस घटना में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और 25 लोग घायल हो गए।
हथियारों से लैस और उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कार्यालय पर पथराव किया और आगजनी की।पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर कार्यालयों को निशाना बनाया गया, कलेक्टर का आवास जला दिया गया और सुरक्षा वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
कुकी-बहुल क्षेत्र में पांच दिनों के लिए इंटरनेट बंद करते हुए सेलुलर डेटा सेवाओं को निलंबित कर दिया गया। एक वायरल सेल्फी वीडियो और मणिपुर पुलिस कर्मियों को सशस्त्र समूहों के साथ दिखाने वाले वीडियो प्रसारित होने के कारण अशांति बढ़ गई।
कथित संलिप्तता के लिए कुकी-ज़ो हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया था। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने घटना के लिए एसपी शिवानंद सुर्वे को जिम्मेदार ठहराया है।
हिंसा की वजह:
एक वायरल वीडियो जिसमें मणिपुर पुलिस कर्मी हथियारबंद समूहों के साथ दिखाई दे रहे थे। कुकी-ज़ो हेड कांस्टेबल का सशस्त्र समूहों के साथ कथित संबंध।
हिंसा का प्रभाव:
दो लोगों की मौत और 25 लोगों के घायल होने की खबर सामने आ रही है। पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर कार्यालयों को नुकसान पंहुचा है।
कलेक्टर का आवास जला दिया गया है। सुरक्षा वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। कुकी-बहुल क्षेत्र में पांच दिनों के लिए इंटरनेट बंद और सेलुलर डेटा सेवाओं को निलंबित कर दिया गया।
सरकार की प्रतिक्रिया:
चुराचांदपुर के एसपी शिवानंद सुर्वे ने हेड कांस्टेबल सियामलालपॉल को निलंबित कर दिया है। मणिपुर पुलिस ने विभागीय जांच का आदेश दिया है।
- इंटरनेट सेवाएं बंद
- मोबाइल डेटा सेवाएं बंद
- कर्फ्यू लगाया गया
- अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती
हिंसा का इतिहास:
मणिपुर में पिछले साल तीन मई को हिंसा शुरू हुई थी। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस कुकी और मैतई समुदाय के बीच भड़की हिंसा में अब तक 180 लोगों की मौत हो चुकी है।
यह एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है। सरकार को हिंसा को रोकने और शांति स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।