नई दिल्लीः चंद्रयान 3 जब से चंद्रमा पर उतरा है तभी से इसरो वैज्ञानिकों की तारीफ में कसीदे पढ़े जा रहे हैं। बीते कई दिन से चांद पर रात हो रही थी, जिससे हमारा लैंडर और रोवर मॉड्यूल सो गया था। अब चंद्रमा पर एक बार फिर दिन हो गया है, जिसके बाद इसरो की कोशिश होगी कि लैंडर और रोवर को जगाया जाए।
चंद्रयान 3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर काफी इतिहास बना रहा है, जो तरह-तरह की तस्वीरें पृथ्वी पर भेज रहा है। अब फिर लैंडर और रोवर एक बार फिर अपना काम करने के लिए तैयार हो जाएगा, जिसके लिए इसरो मेहनत में लगा है। सूरज की रोशनी तेज होने के साथ इसे जगाने का प्रयास किया जाएगा, जिसके बाद कुछ और भी अनुसंधान होने की उम्मीद लगाई जा रही है।
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जानिए कितने दिन तक काम कर सकते हैं लैंडर और रोवर
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, बताया जा रहा है कि लैंडर और रोवर अगले 14 दिन तक आराम से काम कर सकते हैं, जो अद्भुत तस्वीर भेजने का काम कर सकते हैं। सौर ऊर्जा से संचालित चंद्रयान-3 मॉड्यूल मिशन का जीवन केवल एक चंद्र दिवस था। यह पृथ्वी पर के लगभग 14 दिनों के बराबर माना जाता है।
इसके अलावा लैंडर और रोवर मॉड्यूल में इलेक्ट्रॉनिक्स को चंद्रमा पर रात के काफी सर्द तापमान का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया था। इसके साथ ही चंद्रयान-3 की लैंडिंग जहां हुई थी, वहां तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से काफी नीचे पहुंच जाता है। इसरो के अनुसार नींद से जागकर लैंडर और रोवर कम से कम पृथ्वी के अगले 14 दिनों तक आराम से काम कर सकते हैं।
जानिए रोवर ने मापी कितनी दूरी
चंद्रमा की सतह चूमने के बाद चंद्रयान 3 ने अबी तक 100 मीटर की दूसरी माफी है। यहां से लैंडर और रोवर ने कई ऐसे फोटो खींचकर भेजे हैं, जो हर किसी को हैरान करने वाले हैं। इसरो ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लैंडर और रोवर के बीच की दूरी का ग्राफ भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिसमें 6 पहियों वाले रोवर का वजन 26 किलो बताया जा रहा है।
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