नई दिल्लीः दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)द्वारा जारी पिछले पांच समन के दौरान अपनी अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण देने के लिए आज अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए, जहां अपनी बातें रखी हैं। शनिवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह उत्पाद शुल्क नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर एक आवेदन के संबंध में उसके समक्ष पेश होना चाहते हैं, लेकिन शक्ति परीक्षण सहित बजट सत्र चल रहा है, जिसके चलते अब वे इस महीने पेश नहीं हो पाएंगे। उन्होंन कहा कि मैं कोर्ट आना चाहता था लेकिन ये एकदुम से फ्लोर टेस्ट आ गया।
हमारा बजट सत्र मार्च के पहले हफ्ते तक चलने वाला है और आप उसके बाद की तारीख लगा दें। मैं पेश हो जाऊंगा (मैं अदालत आना चाहता था लेकिन यह शक्ति परीक्षण अचानक आ गया। हमारा बजट सत्र मार्च के पहले सप्ताह तक है।
आप मुझे उसके बाद की तारीख दे सकते हैं और मैं पेश हो जाऊंगा),पेश हुए केजरीवाल ने कहा अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) दिव्या मल्होत्रा के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से। कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च को निर्धारित की गई है।
केजरीवाल की तरफ से दी गई दलील
सीएम अरविंद केजरीवाल की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता ने दलील दी कि अदालत में उनकी उपस्थिति से सभी को कठिनाई होगी। इसके अलावा, विधानसभा में एक बजट सत्र चल रहा है और एक फ्लोर टेस्ट भी है। वह व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होंगे, गुप्ता ने तर्क दिया। ईडी के कई सम्मनों के बाद भी अदालत ने 7 फरवरी को केजरीवाल को 17 फरवरी को पेश होने के लिए समन जारी किया गया था। ।
ईडी ने अपनी याचिका में कही बड़ी बात
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी दलील में कहा कि केजरीवाल एक उच्च पदस्थ सार्वजनिक पदाधिकारी हैं और इसलिए उनसे कानून का पालन करने की उम्मीद की जाती है। ईडी ने आगे कहा कि अगर इतने बड़े अधिकारियों पर बैठे लोग कानून की अवहेलना करेंगे तो यह आम आदमी के लिए गलत उदाहरण स्थापित होगा।