नई दिल्ली- इन दिनों बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती दिल्ली में तो उनके दलित वोट बैंक के उत्तराधिकारी माने जाने वाले चंद्रशेखर ने भी दिल्ली से हूंकार भर दी है। चंद्रशेखर ने अपने ऊपर हुए हमले का जवाब देने के लिए 21 जुलाई को जंतर मंतर पर बड़ी रैली का ऐलान किया है।
उसमें नेवता लगभग सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं को दिया गया है। चंद्रशेखर यूं तो सरकार पर हमलावर है। लेकिन निशाना मायावती पर ज्यादा मालूम पड़ता है। पिछले कुछ दिनों में बीएसपी की मुखिया लखनऊ के बजाय दिल्ली से सियासी रणनीति बनाने में लगी हुई है।
चंद्रशेखर ने कहा मैंने मायावती से काफी कुछ सीखा है। जैसे एकलव्य के बिना शिक्षा के लिए द्रोणाचार्य से शिक्षा ली थी। उसी तरीके से मैं भी सीखता रहता हूं। क्योंकि उनके करीब आने का मौका ही नहीं मिलता। मेरा तो हमेशा ही प्रयास है कि उनका आशीर्वाद मिलता रहे।
बता दे कि आजकल बीएसपी में मायावती विरासत किसको शॉपिंग की उस को लेकर उनके भतीजे आकाश आनंद का नाम चर्चा में है। तो जब चंद्रशेखर ने एकलव्य की बात की फिर ये सवाल के जवाब में पूछा गया अर्जुन कौन है। तो चंद्रशेखर ने जवाब दिया जिसके बारे में आप पूछ रहे हैं। वह मेरे छोटे भाई और किसकी काबिलियत ज्यादा है। यह तो जनता तय करेगी। चंद्रशेखर ने तय किया है। कि आजाद समाज पार्टी के झंडे तले वह अब चुनावी अभियान शुरू करेंगे। 21 जुलाई को अपने ऊपर हुए हमले और बहुजन समाज उत्पीड़न को लेकर जंतर-मंतर में प्रदर्शन 1 तरीके से उनकी सियासी अभियान की शुरुआत होगी।
आगे चंद्रशेखर ने बताया कि सभी विपक्षी दलों को आमंत्रण भेज दिया जाएगा अब किसे शामिल होना है। और किसे नहीं वह पार्टियां तय कर ले लेकिन आजाद की सियासी लड़ाई दिल्ली तक ही सीमित नहीं रहने वाली इस बातचीत में उन्होंने यह भी राज खोल दिया कि वह मध्य प्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में अपने उम्मीदवार उतारेंगे। और इसके लिए जल्द ही एमपी और राजस्थान के पद यात्रा शुरू करेंगे ताकि लोग उनसे जुड़ सके।
पिछले दिनों चंद्रशेखर आजाद पर एक जानलेवा हमला हुआ था जिसमें उनकी जान बाल बाल बची थी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुए हमले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन चंद्रशेखर का दावा है। कि पुलिस ने देवरी में कई सारी कहानियां है जिन्हें जानबूझकर असली आरोपियों को बचाने के लिए सामने नहीं लाया जा रहा है। चंद्रशेखर ने बताया कि पूरे मामले को सीबीआई जांच करवाने की मांग की साथ ही पुलिस और सरकार पर सवाल खड़ा किया। और बताया कि हमले के बाद भी उनकी सुरक्षा में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।